महाराष्ट्र सरकार की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में शुरू हुई मराठा आरक्षण का अभी तक पूरी तरह से हल नहीं निकला है। सरकार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे की कुछ मांगों पर सहमति जता दी है मगर मनोज जरांगे की मांग है कि उन शर्तों को जल्द से जल्द पुरा किया जाए। इसके लिए उन्होंने सरकार को केवल कल दोपहर 12 बजे तक समय दिया। अगर सरकार ने उस समय से पहले उनकी मांगों को पूरा नहीं तो वो आजाद मैदान जाकर अपनी भूख हड़ताल को जारी रखेंगे। बता दें कि उन्होंने आज 11 बजे से ही भूख-हड़ताल को शुरू कर दिया है।
क्या है मनोज जरांग की मांगें?
महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन शुरू करने वाले मनोज जरांगे की सरकार से तीन मुख्य मांग हैं। मनोज ने सरकार के सामने तीन मांगे रखी है। वो चाहते हैं कि एक शख्स के कुनबी सर्टिफिकेट के आधार पर उसके रिश्तेदारों को भी कुनबी सर्टिफिकेट दिया जाए। उनकी दूसरी मांग है कि आंदोलन के दौरान जिन आंदोलकों पर मुकदमें दर्ज हुए हैं, उन्हें वापस लिया जाए और तीसरी मांग है कि K.G. से लेकर P.G. तक मराठा समाज के विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा देने का निर्णय लिया जाए।
बता दें कि सरकार ने कुनबी सर्टिफिकेट और दर्ज मुकदमा वापस लेने पर हामी भर दी है। मगर मनोज चाहते हैं कि सरकार कुनबी सर्टिफिकेट के संबंध में एक अध्यादेश जारी करे और केस वापसी की बात उन्हें लिखित में दे। इसके अलावा सरकार छात्राओं को मुफ्त शिक्षा देने के लिए तैयार है मगर मनोज जरांगे मराठा समाज के सभी छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा चाहते हैं।
मनोज जरांगे ने क्या कहा?
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने कहा, 'मैंने आज सुबह से आरक्षण शुरू कर दिया है। अगर सरकार कल 11 बजे तक हमारी मांगे नहीं मानती हैं तो फिर 12 बजे आजाद मैदान जाने का फैसला लेंगे। मैं सरकार को कहना चाहता हूं कि अगर मैं कल आजाद मैदान के लिए निकला तो फिर वापस नहीं आऊंगा। हम आरक्षण लिए बगैर यहां से नहीं जाएंगे।'
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