मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल लाने वाले एंटीलिया विस्फोटक मामले और उसी से जुड़े मनसुख हिरेन की हत्या के मामले को लेकर नया अपडेट है। एंटीलिया के बाहर मिले विस्फोटक की जांच पहले से ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है और अब मनसुख हिरेन के मामले की जांच भी NIA को सौंपने का आदेश कोर्ट ने दिया है। महाराष्ट्र की थाणे कोर्ट ने महाराष्ट्र ATS को आदेश दिया है कि वे मनसुख हिरेन मामले की जांच रोक दें और इस केस को NIA को सौंप दें।
केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले ही NIA को मनसुख हिरेन मामले की जांच सौंप चुका है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक जांच की जिम्मेवारी महाराष्ट्र ATS को दी है और महाराष्ट्र सरकार ने मामला NIA सौंपने की अनुमति अभी तक ATS को नहीं दी है। मंगलवार को महाराष्ट्र ATS ने मनसुख हिरेन मामले को लेकर की गई अपनी जांच के बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। अब कोर्ट के आदेश के बाद ATS को मनसुख हिरेन के मामले की जांच भी NIA को ही सौंपनी होगी।
इन दोनों मामलों की वजह से महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी हुई कार मिली थी और बाद में उस कार के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध हत्या हो गई थी। इन दोनों मामलों में मुंबई पुलिस के बर्खास्त असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सचिन वाजे पर जांच एजेंसियों को शक है और उसे गिरफ्तार किया जा चुका है।
महाराष्ट्र सरकार ने इन दोनों मामलों पर जब मुंबई पुलिस के कमिश्नर के पद से आईपीएस अधिकारी परमबीर को हटा दिया थो परमबीर सिंह ने एक चिट्ठी लिखी जिसमें महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया कि वे पुलिस अधिकारियों के जरिए हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली करवा रहे थे। महाराष्ट्र में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को लपका और अब राज्य की महाविकास अघाडी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है तथा मुख्मंत्री उद्धव ठाकरे से मांग की जा रही है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख को पद से हटाया जाए।