जालना: देश भर में पिछले कुछ महीनों से चल रहा लोकसभा चुनाव का शोर अब समाप्त हो गया है। वहीं अब लोकसभा चुनाव खत्म होते ही मराठा आरक्षण की मांग का मुद्दा फिर से उठ गया है। एक बार फिर मराठा आरक्षण को लागू करने की मांग लेकर मनोज जारंगे पाटिल आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। मनोज जरांगे पाटिल जालना के अंतरवाली सैराट गांव में आमरण अनशन पर बैठे हैं। हालांकि पुलिस ने जारंगे को अनशन की इजाजत नहीं दी है। बता दें कि इससे पहले भी मनोज जारंगे पाटिल आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठ चुके हैं।
चुनाव से पहले खत्म कराया था अनशन
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले भी मनोज जारंगे पाटिल ने अनशन किया था। हालांकि उस समय महाराष्ट्र सरकार ने उनकी मांगे मानते हुए अनशन को समाप्त करा दिया था। उस समय जारंगे पाटिल की मुख्य मांग थी कि जिनके पास कुनबी प्रमाण पत्र है, उनके जीवनसाथियों को भी कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाए। जारंगे को मुंबई से बाहर रोकने के लिए सरकार ने उनकी मांग मानने का फैसला लिया था। हालांकि मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारंगे पाटिल ने कहा था कि जब तक समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक वह अपना आंदोलन बीच में समाप्त नहीं करेंगे।
सरकार ने मांगे मानने का किया था दावा
वहीं महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने दावा किया था कि कार्यकर्ता की मांगें स्वीकार कर ली गई हैं और उन्हें सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाण पत्र दिये जा चुके हैं और यह संख्या 50 लाख तक जायेगी। इससे पूर्व जारंगे हजारों समर्थकों के साथ नवी मुंबई पहुंचे थे। जारंगे और मराठा आरक्षण की मांग करने वाले अन्य कार्यकर्ता सुबह लगभग पांच बजे मोटरसाइकिल, कार, जीप, टेम्पो और ट्रक से मुंबई के बाहरी इलाके में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) पहुंच गए थे।
यह भी पढ़ें-
'कौन शपथ ले रहा, मुझे कोई मतलब नहीं', जानें जीतन राम मांझी ने क्यों कही ये बात
एमपी में क्लीन स्वीप के बाद CM मोहन यादव का Exclusive इंटरव्यू, जानें 'मोदी सरकार 3.0' पर क्या कहा