Monday, November 25, 2024
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शिंदे गुट के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व बीजेपी विधायक पार्टी से सस्पेंड, महायुति के खिलाफ बोलने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी

भाजपा ने मल्लिकार्जुन रेड्डी को छह साल के लिए निलंबित कर दिया है। रामटेक में 17 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई है, जिसमें पंचायत से लेकर बूथ प्रभारी तक सभी बीजेपी पदाधिकारी अपना इस्तीफा सौंपने की योजना बना रहे हैं।

Reported By : Yogendra Tiwari Edited By : Mangal Yadav Updated on: October 16, 2024 11:43 IST
पूर्व विधायक मल्लिकार्जुन रेड्डी - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV पूर्व विधायक मल्लिकार्जुन रेड्डी

मुंबईः पूर्व विधायक और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मल्लिकार्जुन रेड्डी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 6 साल के लिए बीजेपी से सस्पेंड कर दिया गया है। इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय के सचिव मुकुंद कुलकर्णी की हस्ताक्षर से एक पत्र जारी किया गया है। भारतीय जनता पार्टी में विधानसभा चुनाव के दौरान यह पहली बगावत है।

मल्लिकार्जुन रेड्डी ने शिंदे गुट के खिलाफ खोला था मोर्चा

विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के तुरंत बाद नागपुर के रामटेक के पूर्व विधायक मल्लिकार्जुन रेड्डी ने एकनाथ शिंदे की पार्टी के भावी उम्मीदवार आशीष जायसवाल के खिलाफ बयान दिया था। रेड्डी का कहना था कि चुनाव में वह आशीष जायसवाल का समर्थन नहीं करेंगे। इसको पार्टी ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल उन्हें 6 साल के लिए निलंबित कर दिया। 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने दी अन्य नेताओं को भी चेतावनी

विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने पार्टी के बड़बोले नेताओं को चेतावनी दी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने स्पष्ट कहा है कि महायुति गठबंधन के खिलाफ बोलने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बावनकुले कहा कि कुछ लोगों द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियां करने पार्टी के आंतरिक मामलों को सार्वजनिक रूप से बोलकर पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने जैसे कार्य किए हैं। उन्होंने कहा है कि भविष्य में भी जो नेता या कार्यकर्ता सार्वजनिक रूप से महायुति के खिलाफ विद्रोह करेगा या बोलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बीजेपी का गढ़ रहा है रामटेक सीट

बता दें कि रामटेक परंपरागत रूप से भाजपा का गढ़ रहा है। 2014 से बीजेपी का उम्मीदवार यहां से जीत रहा है। एक स्थानीय नेता के अनुसार, 2019 में आशीष जयसवाल के बगावत के बाद रेड्डी की हार हुई और क्षेत्र में भाजपा की संभावनाएं कमजोर हो गई। एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को अन्याय का सामना करना पड़ा है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आशीष जयसवाल को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाने की हामी भर दी थी। इसके बाद से रेड्डी नाराज चल रहे थे। दरअसल वह भी बीजेपी की तरफ से टिकट के बड़े दावेदार थे।

 

 

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