मुंबईः महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान महा विकास अघाड़ी (इंडिया गठबंधन) से करारी शिकस्त खाने के बाद महायुति (NDA) इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत के लिए रणनीति बनाई शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सफल रणनीति के समान महायुति सरकार भी किसानों और महिलाओं को लुभाने के लिए कई लोकलुभावन घोषणाएं कर रही है।
महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजीत पवार ने महिलाओं, युवाओं और किसानों पर केंद्रित बजट पेश किया, जिसका लक्ष्य उस फॉर्मूले को दोहराना था जिसने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान को जीतने में मदद की थी। मार्च 2023 में मध्य प्रदेश में शुरू की गई 'लाडली बहना' योजना से प्रेरित होकर महाराष्ट्र सरकार ने भी इसी तरह की पहल शुरू की है। इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये मिलेंगे।
किसानों के लिए राहत
सिंचाई के लिए उपयोग किए जाने वाले पंपों के बिजली बिल माफ किए जाएंगे। सोयाबीन और कपास उगाने वाले जिन किसानों को उनकी उपज के लिए अपेक्षित मूल्य नहीं मिला, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। सरकार दो हेक्टेयर तक प्रति हेक्टेयर 5,000 रुपये देगी। इसके अलावा कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए बजट में 108 रुकी हुई सिंचाई परियोजनाओं की मंजूरी और शुरुआत शामिल है।
महिला छात्रों के लिए निःशुल्क शिक्षा
बजट में महिला साक्षरता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महिला छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा का वादा किया गया है।
लोकलुभावन वादे क्यों?
महायुति सरकार दबाव में है क्योंकि महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव में महायुति महज 17 सीटों पर सिमट गई, बाकी सीटें महा विकास अघाड़ी ने जीतीं। उनके अभियान भाषणों में नई, आकर्षक घोषणाओं की कमी को उनके खराब प्रदर्शन के एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में देखा गया। इस नए बजट का लक्ष्य मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए नई योजनाएं शुरू करके इसे ठीक करना है।