मुंबई में महाविकास अघाड़ी के घटक दलों शिवसेना यूबीटी, एनसीपीएसपी और कांग्रेस ने प्रेस कॉन्प्रेंस की। इस दौरान शरद पवार, उद्धव ठाकरे और मल्लिकार्जुन खरगे मौजूद थे। इस दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभी चीजें पीएम नरेंद्र मोदी के इशारे पर चलती है, इसमें कोई दो राय नहीं है। वे जो कहते हैं, वही होता है। लेकिन इस बार चुनाव में वो नहीं नहीं होगा। जनता की लड़ाई खुद जनता उनके खिलाफ लड़ रही है। खरगे ने कहा कि महाराष्ट्र में महायुति की सरकार धोखे से बनाई गई। उसका समर्थन पीएम कर रहे हैं और वो अन्य राज्यों का दौरा कर रहे हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने समाज को तोड़ने का काम किया है। शायद ही इस तरह का काम किसी पीएम ने किया होगा।
शरद पवार ने केंद्र सरकार को घेरा
उन्होंने आगे कहा कि मुझे राजनीति में 53 साल हो गए हैं। देश में विश्वासघात की राजनीति चल रही है। विपक्ष को तोड़ने के लिए धमकी, ब्लैकमेल का सहारा लिया जा रहा है। एमवीए महाराष्ट्र में 48 में से 46 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि 80 करोड़ गरीबों को वो 5 किग्रा राशन उपलब्ध कराएंगे। लेकिन हम सरकार बनने के बाद 10 किग्रा राशन उपलब्ध कराएंगे। इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस के वादे भी बताए। इस दौरान शरद पवार ने कहा कि मनमोहन सरकार दौरान ही हमने लोगों को चावल और गेहूं देना शुरू किया। मनमोहन सरकार के दौरान भारत चावल पैदा करने में दूसरे स्थान पर था। मोदी आज जो मुफ्त राशन बांटने का श्रे ले रहे हैं। वह मनमोहन सिंह की सरकार के बनाए नियम की वजह से कर पा रहे हैं।
पीएम मोदी पर बरसे उद्धव ठाकरे
इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि 4 जून के बाद सही मायने में देश में अच्छे दिन आनेवाले हैं। मोदी जी तो सिर्फ जुमला बोलते हैं। 4 जून को जुमला सरकार केंद्र में नहीं रहने वाली है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध सरकार घोषित करने के बाद भी प्रधानमंत्री अपने साथ नकली लोगों को लेकर घूम रहे हैं। जो इनके विचार से सहमत नहीं होगा, कल को आरएसएस को भी नकली घोषित कर देंगे। भाजपा के मन कमें पाकिस्तान है। मोदी खुद नवाज शरीफ के साथ पाकिस्तान में उनके घर में केक खा रहे थे। जब मोदी हारने लगते हैं तो पाकिस्तान को मोदी लाते हैं। उन्होंने कहा कि पुलवामा में जो हमले पर तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, उसके चलते भी उस घटना पर शक होता है। चीन अरुणाचल प्रदेश के गांव के नाम बदल रहा है। लेकिन वो कहते हैं कि नाम बदलने से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि यह सिर्फ पार्टी तोड़ने में लगे हैं।