Friday, November 22, 2024
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‘भारत छोड़ो दिवस मनाने जा रहा था, मुझे हिरासत में ले लिया’, महात्मा गांधी के प्रपौत्र का बड़ा आरोप

महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने आरोप लगाया कि ‘भारत छोड़ो दिवस’ मनाने जाते वक्त पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Updated on: August 09, 2023 21:32 IST
Tushar Gandhi, great grandson of Mahatma Gandhi, quit india movement day- India TV Hindi
Image Source : TWITTER.COM/TUSHARG महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी।

मुंबई: महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने बुधवार को दावा किया कि पुलिस ने उन्हें ‘भारत छोड़ो दिवस’ मनाने के लिए अगस्त क्रांति मैदान जाते वक्त हिरासत में ले लिया था। सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने भी एक ट्वीट के जरिए दावा किया कि उन्हें उनके घर से निकलने से रोका गया और जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी जी जी पारिख को भी अगस्त क्रांति मैदान पहुंचने से रोका गया। तुषार गांधी, सीतलवाड़ और पारिख गिरगांव चौपाटी से अगस्त क्रांति मैदान तक ‘शांति मार्च’ में भाग लेने वाले थे।

‘घर से निकलने के बाद मुझे हिरासत में लिया गया’

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि तुषार गांधी उपनगर सांताक्रूज में अपने आवास से जब बाहर निकले, तो उन्हें बताया गया कि वह रैली में भाग लेने नहीं जा सकते क्योंकि इसकी अनुमति नहीं दी गई है। अधिकारी ने बताया कि उन्हें बाद में अगस्त क्रांति मैदान जाने की अनुमति दे दी गई। तुषार गांधी ने ट्वीट किया, ‘9 अगस्त को ‘भारत छोड़ो’ दिवस मनाने के लिए घर से निकलने के बाद मुझे सांताक्रूज थाने में हिरासत में लिया गया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। मुझे अपने परदादा-परदादी- बापू (महात्मा गांधी) और बा (कस्तूरबा गांधी) पर गर्व है जिन्हें इसी ऐतिहासिक तारीख पर अंग्रेजों ने हिरासत में लिया था।’


तुषार गांधी को दी गई अगस्त क्रांति मैदान जाने की इजाजत
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि तुषार गांधी मैदान पहुंच गए। उन्होंने कहा कि तुषार गांधी के एक रैली में भाग लेने की संभावना थी, जो गिरगांव चौपाटी से अगस्त क्रांति मैदान तक निकाली जानी थी। अधिकारी ने बताया कि तुषार गांधी ने जब सुबह करीब 08:45 बजे अपने घर से निकलने की कोशिश की, तो उनके आवास के बाहर इंतजार कर रही सांताक्रूज थाने की एक टीम ने उन्हें बताया कि कानून-व्यवस्था की समस्या के कारण रैली की अनुमति नहीं दी गई है और वह इसमें भाग नहीं ले सकते। उन्होंने कहा कि इसके बाद तुषार गांधी अपने आवास में लौट गए। अधिकारी ने कहा कि बाद में पुलिस ने तुषार गांधी को अगस्त क्रांति मैदान जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने की अनुमति दे दी।

‘नफरत भारत छोड़ो, मोहब्बत से दिलों को जोड़ो’ की जरूरत है
तुषार गांधी ने बाद में ट्वीट किया, ‘हमारे समाज में डर साफ दिखाई देता है। मैं (अगस्त क्रांति मैदान) जाने की अनुमति मिलने के बाद सांता क्रूज थाने से एक रिक्शे में बैठा। जब हम बांद्रा पहुंचे तो मैंने एक बूढ़े मुस्लिम टैक्सी ड्राइवर से मुझे अगस्त क्रांति मैदान ले जाने को कहा, लेकिन उसने पुलिस की कार देखी और घबराकर कहा, ‘साहब मुझे नहीं फंसना’। उसे मनाने के लिए काफी समझाना पड़ा। यह समस्या आज हमारे समाज को प्रभावित कर रही है, इसलिए ‘नफरत भारत छोड़ो, मोहब्बत से दिलों को जोड़ो’ की आवश्यकता है।’ सीतलवाड़ ने एक ट्वीट में दावा किया कि उन्हें उनके आवास से निकलने और पारिख को भी अगस्त क्रांति मैदान पहुंचने से रोका गया। उन्होंने सुबह अपने आवास के बाहर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों की तस्वीरें भी साझा कीं।


20 से ज्यादा कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए, बाद में छोड़े गए
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रैली की अनुमति नहीं दी गई थी और इस बारे में उन्हें लिखित सूचना भेज दी गई थी। अधिकारी ने बताया कि कार्यकर्ताओं से कहा गया था कि यदि वे अगस्त क्रांति मैदान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन कानून-व्यवस्था एवं सुरक्षा संबंधी मामलों के कारण रैली की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि सीतलवाड़ श्रद्धांजलि देने के लिए बाद में अगस्त क्रांति मैदान पहुंचीं। अधिकारी ने कहा कि पारिख ने गिरगांव में लोकमान्य तिलक की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर वह वहां से चले गए। वहीं, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इससे पहले दक्षिण मुंबई की डी बी मार्ग पुलिस ने उन 20 से अधिक कार्यकर्ताओं को बुधवार सुबह हिरासत में ले लिया, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

महात्मा गांधी ने इसी मैदान से दिया था ‘करो या मरो’ का नारा
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की शुरुआत हुई थी और इस आंदोलन ने अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। आंदोलन शुरू होने के 5 वर्ष बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था। लोगों ने बुधवार को ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन की 81वीं वर्षगांठ के अवसर पर अगस्त क्रांति मैदान में गांधी स्मृति स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित की। यह वही मैदान है जहां से महात्मा गांधी ने आजादी के लिए ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। अगस्त 1942 में महात्मा गांधी के तत्काल स्वतंत्रता के आह्वान के साथ यह आंदोलन मुंबई के गोवालिया टैंक से शुरू किया गया था। इस ऐतिहासिक घटना से जुड़े होने के कारण गोवालिया टैंक को बाद में अगस्त क्रांति मैदान के नाम से जाना जाने लगा। (भाषा)

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