मुंबई: समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबु आजमी ने इंडिया टीवी से बात की है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि महाराष्ट्र सरकार हमें बॉम्बे हाईकोर्ट के मुसलमानों को शिक्षा में 5% आरक्षण को जायज ठहराने के बाद भी आरक्षण नहीं देगी। इसलिए मैंने कल विधानभवन में मराठा आरक्षण का ऑर्डिनेंस फाड़ दिया था। वो मेरी नाराजगी थी।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी मुसलमानों में पसमांदा के बारे में बात करते हैं। सबके साथ और सबके विकास की बात करते हैं। लेकिन वो देखें कि किस तरह महाराष्ट्र में मुसलमानों की जायज मांग और हक को भी महाराष्ट्र सरकार नहीं दे रही है।
आरक्षण को लेकर कही ये बात
अबु ने कहा कि आजादी से पहले 1936 में अंग्रेजों ने मुसलमानों को 35% आरक्षण दिया था। लेकिन अगस्त 1950 में गृहमंत्री वल्लभभाई पटेल ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता और उसे हम मुसलमानों ने मान लिया। बाद में सिखों को आरक्षण मिला लेकिन ईसाई और मुसलमानों को आरक्षण नहीं मिला। इसलिए आज हम अपने ही देश मे बेगाने हो गए हैं क्योंकि अब अदालतों से भी फैसला आबादी के हिसाब से होता है और हम मुसलमानों की आबादी ही कितनी है। तो कौन हमारे बारे में सोचेगा?
उन्होंने कहा कि अदालत में जाने का भी कोई फायदा नहीं। वहां भी हमारी सुनवाई नहीं होगी। हम यूं ही चिल्लाते रहेंगे और 5% आरक्षण की मांग करते रहेंगे। लेकिन आने वाले समय में मुझे डर है कि अब कोई अब्दुल कलाम और अब्दुल हमीद भारत में नहीं पैदा होगा।
उन्होंने कहा कि जब 2016 में मराठा और मुस्लिम आरक्षण तत्कालीन सरकार ने दिया, तो 5% मुस्लिम के पिछड़े समाज को आरक्षण की बात को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सही माना। लेकिन मराठा आरक्षण को कोर्ट ने रद्द कर दिया। लेकिन इस देश में अब मुसलमानों की किसी को जरूरत नहीं। इसलिए हमारी बात कोई नहीं सुन रहा।
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