
महाराष्ट्र सरकार में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। जब से एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाया गया है तब से वो एक नही कई मुद्दों के लेकर रूठ ही रहे हैं। अगर बात हाल ही में हुई घटनाओं से जोड़े तो दोनों के रिश्तों में तनाव के संकेत मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने 'मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष' (सीएमआरएफ) का कार्यभार संभालने के बाद, उपमुख्यमंत्री शिंदे ने अपने मंत्रालय में अपना स्वतंत्र 'उपमुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल' स्थापित किया है। यानी एक ही राज्य में सीएम और डिप्टी सीएम का अलग-अलग चिकित्सा सहायता केंद्र हो। ऐसा कम ही देखा जाता है।
विवाद के ताजा उदाहरण
मुख्यमंत्री बनते ही देवेंद्र फडणवीस ने सीएमआरएफ के प्रमुख मंगेश चिवटे को हटाकर डॉ. रामेश्वर नाईक को नियुक्त किया था, जिसके बाद शिंदे ने चिवटे को अपने नए सेल का प्रमुख बना दिया। चिवटे 2 साल एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में हेल्थ कमेटी के चीफ थे। इसके अलावा शिंदे और फडणवीस के बीच दूसरी शीतयुद्ध का कारण बनी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए)। इस प्राधिकरण के पुनर्गठन में उपमुख्यमंत्री शिंदे को शामिल नहीं किया गया, जबकि मुख्यमंत्री फडणवीस इसके अध्यक्ष हैं और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को इसमें शामिल किया गया है। इससे महायुति सरकार में आंतरिक मतभेदों की अटकलें तेज हो गई हैं।
रायगढ़ और नासिक जिलों के पालक मंत्री पदों पर नियुक्तियों को लेकर भी महाराष्ट्र में विवाद उभरा है। शिवसेना के नेता भारत गोगावाले के समर्थकों ने रायगढ़ का प्रभारी मंत्री बनाए जाने की मांग को लेकर उपमुख्यमंत्री शिंदे के निवास पर प्रदर्शन किया। इससे पहले सरकार ने इन नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। महाराष्ट्र के नासिक में 2027 में कुम्भ होगा। इसको लेकर भी बीजेपी के गिरीश महाजन और एकनाथ शिंदे नासिक में अलग-अलग बैठक कर रहे हैं। दोनों एक दूसरे के बैठक में नहीं शामिल हुए।
सब कुछ सामान्य है- CM फडणवीस
इन घटनाओं के बावजूद, मुख्यमंत्री फडणवीस ने मीडिया से कहा कि सरकार में सब कुछ सामान्य है और मीडिया को छोटी बातों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यालयों का पुनर्संयोजन एक सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उपमुख्यमंत्री शिंदे, जो पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं, वर्तमान में अपनी नई भूमिका में तालमेल बिठाने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनकी हालिया गतिविधियां, जैसे स्वतंत्र बैठकों का आयोजन और मुख्यमंत्री की बैठकों से अनुपस्थिति, इस तनाव को और बढ़ा रही हैं।
एकजुटता और सहयोग का संदेश
अब तक डिप्टी सीएम शिंदे मंत्रिमंडल की एक बैठक में शामिल नही हुए हैं। एक बैठक में VC से जुड़े। हालांकि, पिछली बैठक में उपस्थित रहे थे। इन सबके बीच, मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री शिंदे के बीच हाल ही में हुई मुलाकातों का उद्देश्य इन मतभेदों को सुलझाना और सरकार के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करना है। इस प्रकार, महाराष्ट्र सरकार में शीर्ष नेतृत्व के बीच हालिया घटनाक्रमों से तनाव के संकेत मिलते हैं, लेकिन दोनों नेता और उनके पार्टी नेता सार्वजनिक रूप से एकजुटता और सहयोग का संदेश दे रहे हैं।