महाराष्ट्र: महाविकास आघाडी के नेताओं में एक बार फिर तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। राष्ट्र्वादी कांग्रेस और विरोधी पक्ष नेता अजित पवार और महारष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले के बीच तीखी राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। अजित पवार ने कोल्हापुर में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब कांग्रेस बड़ा भाई नहीं रहा बल्कि राष्ट्र्वादी कांग्रेस अब महाविकास अघाड़ी का बड़ा भाई है।
नाना पटोले ने दिया जवाब
अजित पवार के इस बयान पर नाना पटोले ने करारा जवाब दिया है। नाना पटोले ने कहा कि हम जब बड़े थे तब भी हमने कभी घमंड नहीं किया। किसी को घमंड करना है तो वो उनका विचार है। कांग्रेस की विचारधारा घमंड की नहीं है सब को साथ लेकर चलने की है और उसी विचारधारा से कांग्रेस चलेगी किसको क्या कहना है, वो उनका अधिकार है।
शरद पवार की हिदायत के बावजूद छिड़ी जुबानी जंग
यहां महत्वपूर्ण ये है कि एक ओर जहां शरद पवार ने कर्नाटक चुनाव के बाद महाविकास आघाड़ी के सभी प्रमुख नेताओं की, उनके निवास स्थान सिल्वर ओक पर 14 मई को बैठक बुलाई थी और इस बैठक में आगामी 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मद्दनेजर तीनों पार्टी के नेताओं को आपसी बयानबाजी से बचने और साथ मिलकर काम करने पर सहमति बनाई गई थी। लेकिंन अब एक बार फिर नेताओ में जुबानी जंग शुरू हो गईं है।
इसके पहले संजय राउत और नाना पटोले में इसी तरह एक दूसरे को नीचा दिखाते हुए बयान दिए थे। संजय राउत और अजित पवार में भी इसी तरह जुबानी जंग चली थी तब अजित पवार ने कहा था कौन संजय राउत और अब एक बार फिर नाना पटोले और अजित पवार आमने-सामने खड़े है।
क्या कहा था अजित पवार ने
महाविकास आघाडी के हम घटक दल हैं और हमें महाविकास आघाड़ी को मजबूत रखना है लेकिन आपको महाविकास अघाड़ी में महत्व तब दिया जाएगा जब आपकी ताकत ज्यादा होगी।अब से पहले हर एक चुनाव में कांग्रेस के सीट्स हमसे ज्यादा हुआ करते थे। बारगेन करते वक्त हमें छोटे भाई की भूमिका में रहना पड़ता था। अब हम कांग्रेस के मुक़ाबले बड़े भाई हो गये हैं, क्योंकि उनके विधायकों की संख्या 44 है, हमारे 54 विधायक हैं और शिवसेना के 56 हैं।
अजित पवार के इससे बयान पर नाना पटोले ने कहा था कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं की चाहै जितनी बैठकें हो जायें पर कुछ दिनों बाद ही आपसी मतभेद राजनीतिक बयानबाजी के रूप में सामने आ ही जाते हैं।
महाविकास अघाड़ी पर बीजेपी ने कसा तंज
महाविकास अघाड़ी के नेताओं की इस तरह की बयानबाजी के बीच बीजेपी सांसद मनोज कोटक ने तंज कसा है। मनोज कोटक ने कहा है किउनके वर्क कल्चर और हमारे वर्क कल्चर में फर्क है। महाविकास अघाड़ी विरोधाभास से और स्वार्थ के लिए बनी है और उसका टूटना तय है। आज नहीं तो कल ये जरूर टूट जाएगी।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने पुणे में कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के नेताओं- विधायको को किसी भी पद की आस न रखने और पार्टी के लिए त्याग करने की सलाह दी थी। एक ओर महाराष्ट्र बीजेपी कर्नाटक चुनाव की हार से सबक लेते हुए पार्टी संगठन को मजबूत कर रही है तो वहीं दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी के नेता छोटे भाई और बड़े भाई की लड़ाई में उलझे हुए हैं।
महाविकास अघाड़ी नहीं हुए एकजुट तो भुगतना होगा खामियाजा
महाविकास अघाड़ी के नेता 2024 के चुनाव में बीजेपी को हराने के मंसूबे जरूर बना रहे हैं लेकिन महाविकास अघाड़ी के नेताओं के आपसी मतभेद और तनाव उजागर होते रहते हैं जिसका फायदा सूबे की शिंदे -फड़नवीस सरकार को होता दिखाई पड़ता है। अगर महाविकास आघाडी के नेताओं ने वक्त रहते आपसी बयानबाजी नहीं रोकी तो उसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।