मुंबई: महिलाओं के लिए सदन में 33 फीसदी आरक्षण कानून बन जाने के बाद भी इस पर राजनीति तेज है। अभी तक इस आरक्षण में ओबीसी महिलाओं के लिए अलग आरक्षण की बात कही जा रही थी। अब इसके साथ ही मुस्लिम महिलाओं के लिए भी इसमें कोटा दिए जाने की मांग की जाने लगी है। महाराष्ट्र से समाजवादी पार्टी के विधायक अब आसिम आजमी ने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं को इसमें अलग से कोटा दिया जाए।
अबू आजमी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को इसमें कोटा दिया जाए तभी उनका भला हो सकता है। उन्होंने कहा, "जो लिखीं पढ़ी औरतें है उनको ही आरक्षण का फ़ायदा मिलेगा मुस्लिम महिलाओं को 33 फ़ीसदी रिज़र्वेशन कोटे में अलग से कोटा दिया जाएगा तभी होने का फ़ायदा होगा, नहीं तो उनको कोई टिकट नहीं देगा कोई लाभ नहीं मिलेगा।" इसके साथ ही आजमी ने आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दकी के उस बयान का भी समर्थन किया, जिसमें कहा गया था कि लिपस्टिक और बॉब कट वाली महिलाओं को आरक्षण का फ़ायदा मिलेगा हमारी महिलाओं का क्या होगा? अब आजमी ने कहा मैं उसका समर्थन करता हूं, भले उनके शब्द ग़लत हो सकते हैं लेकिन भावना सही है।
चुनाव के बाद किया जाए पीएम का चयन
वहीं इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर सपा नेता ने कहा कि सभी पार्टियों के कार्यकर्ताओं को जोर-शोर से काम करना चाहिए। अपने-अपने दलों के नेताओं को पीएम बनाने के लिए दुआ करनी चाहिए। इससे कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा। हालांकि पीएम का चयन चुनाव के बाद किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के लिये अगर किसी मस्जिद में मज़ार पर प्रधानमंत्री बनने के लिए दुवा मांगी गई है तो यह अच्छी बात है। इसमें कोई ग़लत बात नहीं है। सपा के कार्यकर्ता होने के नाते मुझे लगता है कि अखिलेश यादव प्रधानमंत्री बनें।
'देशभर में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार'
अबू आजमी ने इस दौरान देश में मुस्लिम लोगों के हालातों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जयपुर में जो हुआ, हम इसकी निंदा करते हैं। पूरे भारत भर देश में कही न कही मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं। एक शख़्स को मंदिर में भगवान का प्रासाद खाया इसलिए मारा जाता है। नंदुरबार में हुआ, सातारा में हुआ। कई जगह पर मुस्लिमों पर अत्याचार किए जा रहे हैं और और ये लोग उल्टा मुस्लिमों का कहतें हैं कि आपके आका पाकिस्तान में बैठे हैं।
वहीं उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने मुस्लिम लोगों को ज़्यादा मुआवज़ा देकर कोईं ग़लत काम नहीं किया है। नीतीश कुमार भी हिंदू हैं। अगर वह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करेंगे तो चुनाव हार जाएंगे क्योंकि मुस्लिम 20 फ़ीसदी है और सबसे बड़ी तादाद हिंदुओं की है तो वह नीतीश कुमार हिंदुओं को नाराज़ क्यों करेंगे? जो मुआवज़ा दिया गया है वो जो नुक़सान ज़्यादा हुआ है मुस्लिमों का इसके कारण दिया गया है।