Highlights
- शिवसेना के बागी विधायकों और बीजेपी के समर्थन से बनी है सरकार
- एकनाथ शिंदे हैं इस सरकार में मुख्यमंत्री
- इससे पहले उद्धव ठाकरे की कैबिनेट में शमिल थे शिंदे
Maharashtra: महाराष्ट्र में सरकार जाने के बाद राज्यसभा सांसद और शिव्सेँ नेता संजय राउत बागी विधायकों के पर एक बार फिर हमलावर हो गए हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से बनी एकनाथ शिंदे सरकार पर भी हमला बोला है। उन्होंने अपने एक लेख के जरिए 2019 में चुनावों के बाद बीजेपी और अजित पवार की 80 घंटे वाली सरकार का उदहारण देकर बागी विधायकों पर निशाना साधा है। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन टूट गया था तब इसके बाद अजित पवार एनसीपी से बगावत करके भाजपा के साथ चले आए थे और भाजपा ने सरकार भी गठित कर ली थी। हालांकि यह फडणवीस और अजित पवार की यह सरकार महज 80 घंटे ही चली थी।
बागियों के तर्क का जवाब
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट शिवसेना से बगावत के बाद लगातार अप्राकृतिक गठबंधन का तर्क दे रहा है। इस गुट का कहना है कि शिवसेना का कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाविकास अघाड़ी गठबंधन प्राकृतिक गठबंधन नहीं था। इसके चलते ही वह बगावत करने पर मजबूर हुए। इसका जवाब देते हुए संजय राउत ने लिखा कि, "2019 में भाजपा ने एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कोशिश की थी। जिस तरह आज शिंदे ने शिवसेना से बगावत की है, उसी तरह तब एनसीपी के अजित पवार ने बगावत की थी। राउत ने सवाल उठाया कि अगर भाजपा और एनसीपी गठबंधन की सरकार चलती रहती तो क्या इसे प्राकृतिक गठबंधन कहा जाता? उन्होंने लिखा है कि राजनीति में प्राकृतिक या अप्राकृतिक गठबंधन जैसा कुछ नहीं होता।
उद्धव ठाकरे को नीचे खींचने के लिए रची गई साजिश - राउत
इसके साथ ही उन्होंने 2014 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद सरकार गठन में देरी का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि, साल 2014 में सरकार गठन में देरी हो रही थी। इसी दौरान एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने सरकार बनाने के लिए भाजपा को खुला प्रस्ताव दिया था। भाजपा ने भी उनके इस प्रस्ताव को अस्वीकार नहीं किया था। उन्होंने लिखा कि असल में भाजपा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनसपी या शरद पवार से कोई दिक्कत है ही नहीं। राउत ने लिखा है कि यह भाजपा द्वारा शिवसेना को खत्म करने के लिए उठाया गया कदम है। उन्हें एहसास हो गया था कि उद्धव ठाकरे भविष्य में राष्ट्रीय स्तर के नेता बन सकते हैं। इसलिए उन्हें नीचे खींचने के लिए ऐसा किया गया। राउत ने आरोप लगाया कि शिवसेना में तोड़फोड़ की साजिश दिल्ली से की गई है।