Highlights
- महाराष्ट्र में कई जगह बाढ़ जैसे हालात
- महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की हालात गंभीर
- 12 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट पर मुंबई
Maharashtra Rain: महाराष्ट्र इन दिनो भारी बारिश के कहर से जूझ रहा है। कई दिनों से हो रही लगातार बारिश ने महाराष्ट्र के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। पूर्वी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की हालात गंभीर बनी हुई है। भारी बारिश के कारण यहां के लगभग 128 गांवों से संपर्क टूट गया है। महाराष्ट्र के हिंगोली और नांदेड़ में दो दिनों में भारी बारिश दर्ज की गई है। जबकि गढ़चिरौली जिले के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। वहीं मराठवाड़ा और विदर्भ में भी जमकर बारिश हो रही है। महाराष्ट्र के तकरीबन 130 ऐसे गांव हैं जहां भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
महाराष्ट्र में 5 दिनों तक हो सकती है भारी बारिश
महाराष्ट्र भारी बारिश की चपेट में कई दिनों से है। लेकिन स्थिति में सुधार के कोई आसार नहीं हैं, दरअसल, मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में कहा है कि आने वाले 5 दिनों तक महाराष्ट्र में गरज के साथ भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। आपको मालूम होगा बीते दिनों मुंबई में भी रेड अलर्ट जारी किया गया था, हालांकि शनिवार को महज़ 2.2 मिमी बारिश होने की वजह से वहां कि स्थिति फिलहाल काबू में है। लेकिन बृहद मुंबई नगर निगम (BMC) ने अभी भी भारी बारिश के समय लोगों के समुद्र के किनारे जाने पर रोक लगाई हुई है।
12 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट पर मुंबई
मुंबई में 12 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस अलर्ट के साथ-साथ एक आदेश भी जारी किया गया है कि जिसमें कहा गया है कि राज्य के सभी आलाअधिकारी जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए भारी बारिश के परिणाम और उससे निपटने के लिए तैयार रहे। एनडीआरएफ समेत अन्य बचाव दलों को भी राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
राज्य राहत और पुनर्वास विभाग ने बताया कि गढ़चिरौली, हिंगोली और नांदेड़ जिले (शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुए) पिछले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की वजह से प्रभावित हुए हैं और इस अवधि में 120 लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘भारी बारिश की वजह से शुक्रवार रात को हिंगोली जिले से बहने वाली आसना नदी में बाढ़ आ गई। इसकी वजह से वसमत तहसील के निचले इलाके में बसे कुरुंदा और किन्होला गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि अबतक कम से कम 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया हैं, लेकिन नदी के जलस्तर में कमी आने के बाद कुछ लोग वापस अपने घरों को लौट चुके हैं।