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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड के निर्माण पर लगी रोक हटाई

Maharashtra Politics: 2016 में तत्कालिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कारशेड को आरे में बनाए जाने को लेकर फैसला किया था लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद उद्धव सरकार ने इस कारशेड को कांजुर में बनाने को लेकर फैसला किया। इसी बाबत अब फिर से इस फैसले को पलट कर कारशेड का निर्माण आरे कॉलोनी में करवाया जा रहा है।

Written By: Pankaj Yadav
Published on: July 21, 2022 23:55 IST
Maharashtra Government- India TV Hindi
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Highlights

  • आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो-3 कारशेड के निर्माण पर लगी रोक हटाई गई
  • 2019 में उद्दव के सरकार में आने के बाद इस फैसले पर लगी थी रोक

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की नई सरकार ने आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो-3 कारशेड के निर्माण पर लगी रोक गुरुवार को एक अहम फैसले में हटा लिया। यह कॉलोनी पश्चिमी उपनगर में एक हरित क्षेत्र है। उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक दिन पहले मुंबई में जापान के महावाणिज्य दूत फुकाहोरी यासुकता से मुलाकात की थी और उन्हें जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जीका) से वित्त पोषित परियोजनाओं के क्रियान्वयन की गति तेज करने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाता सम्मेलन में उपनगर गोरेगांव में आरे कॉलोनी में मेट्रो-3 कारशेड के निर्माण पर लगी 2019 में लगी रोक हटाने की घोषणा की। 

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि जब महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की संयुक्त सरकार थी तब वर्ष 2016 में तत्कालिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मेट्रो 3 के कारशेड का निर्माण आरे में करने का फैसला किया था। सरकार के इस फैसले से शिवसेना खुश नहीं थी और इसका विरोध भी किया था। पर्यावरण हानि का दावा करते हुए आरे कारशेड का दावा कोर्ट तक गया और कोर्ट ने फडणवीस सरकार को आरे में ही मेट्रो कारशेड के निर्माण का आदेश दिया था। इस दौरान करीब ढाई हजार से ज्यादा पेड़ काटे भी गए। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद 11 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे ने आरे कारशेड को रद्द कर कांजुरमार्ग में कारशेड बनाने का निर्णय लिया। 

कांजुर की जमीन को केंद्र सरकार ने अपना बताया

केंद्र सरकार ने कांजुर की जमीन पर मालिकाना हक जताया और रोक की मांग की तब से मामला अब तक अदालत में अटका है। केंद्र सरकार ने कांजुर के  इस जगह पर सॉल्ट पैन होने की बात कही और इसे अपनी जमीन बताया। केंद्र सरकार अधिकारी संजय कुमार ने इस बाबत पत्र भी भेजा था। उन्होंने पत्र में लिखा था कि कांजुरमार्ग की जगह को MMRDA को देने का निर्णय रद्द किया जाए। यह जगह साल्ट पैन की है। इस जगह पर हमारा अधिकार है। केंद्र सरकार की तरफ से इस जगह पर मेट्रो कार शेड के काम को रोकने का भी आदेश दिया गया था।

कांजुर में मेट्रो कारशेड बनाने को लेकर उद्धव का पक्ष

उद्वव ठाकरे की दलीलें थी कि आरे की बजाए कांजुर मार्ग में मेट्रो कारशेड बनाया जाएगा तो पर्यवारण और जंगल की रक्षा होगी। राज्य सरकार मुफ्त में जमीन देगी जिससे 5 हजार करोड़ बचेंगे। साथ ही कांजुर मेट्रो 4, 6, 14, 3 और अन्य लाइन के लिए नोडल सेंट्रल पॉइंट होगा। जिससे सहूलियत भी होगी। कांजुर में जमीन बड़ी होने से आगे एक्सटेंशन में भी कोई दिक्कत नहीं होगी जबकि आरे में जमीन की जरूरत पड़ी तो और ज्यादा पेड़ काटने पड़ेंगे और पर्यावरण का नुकसान होगा। उद्वव ठाकरे ने आगे चलकर आरे जंगल में कारशेड से सटी 600 एकड़ जमीन भी वन्यजीव के लिए संरक्षित की ताकि आगे कोई जंगल कटाई न हो।

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