महाराष्ट्र की सियासत में फिर एक दिलचस्प घटना सामने आई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार और एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार के बीच मतभेद जगजाहिर है, इसके बावजूद अजित पवार की मां आशा ताई पवार ने पंढरपुर में भगवान विट्ठल के दर्शन कर ये मन्नत मांगी हैं कि पूरा पवार परिवार एक बार फिर एक हो जाए। आशा ताई ने प्रार्थना की है कि शरद पवार और अजित पवार दोबारा साथ आएं और एनसीपी का मर्जर हो जाए। उन्होंने कहा कि भगवान विट्ठल मेरी प्रार्थना सुनेंगे। दादा और सभी के लिए दुआ मांगी। सभी का नया साल अच्छा जाए। दादा के सारे दुःख दूर हो। उनके इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। अब सवाल है कि क्या एनसीपी के दोनों गुट एक साथ आएंगे?
एनसीपी के नेताओं की प्रतिक्रिया
दरअसल, अजित पवार और शरद पवार के बीच काफी समय से राजनीतिक मतभेद रहे हैं। दोनों के गुट अलग-अलग दिशा में चल रहे हैं। हालांकि, दोनों गुटों के कई विधायक और नेता मर्जर की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर मंत्री और एनसीपी नेता नरहरि झिरवल ने कहा, "आज अजित पवार की माता ने भगवान से प्रार्थना की कि शरद पवार और अजित पवार एक साथ आएं। हम भी यही दुआ करेंगे। मैं तो दो-तीन दिन में शरद पवार से मिलूंगा और बोलूंगा कि आप और अजित दादा एक हो जाए, पार्टी का मर्जर हो। मेरे लिए तो शरद पवार आज भी भगवान हैं, हनुमान जी की तरह सीना चीरकर दिखाऊं तो शरद पवार मेरे सीने में दिखेंगे। शरद पवार हमारी बात मानेंगे, दोनों साथ आएंगे।"
वहीं, एनसीपी के अजित पवार गुट के नेता और कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे ने इसे सिर्फ एक कयास बताया और कहा कि यदि परिवार एक साथ आता है, तो यह खुशी की बात होगी, लेकिन अभी तक कयास ही लग रहा है।
प्रफुल पटेल ने जताई खुशी
एनसीपी के सांसद और नेता प्रफुल पटेल ने भी दोनों गुटों के एक होने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा, "शरद पवार हमारे लिए हमेशा देवता रहे हैं। भले हमारे राजनीतिक रास्ते अलग हो, पर उनके प्रति सम्मान है और आगे भी रहेगा। दोनों साथ आते हैं या पवार परिवार साथ आए, तो हमें खुशी ही होगी। मैं भी पवार परिवार का एक हिस्सा ही हूं। सब एक होंगे तो मुझे भी खुशी ही होगी।
शरद पवार की पार्टी ने कहा- जल्दबाजी
हालांकि, शरद पवार की पार्टी NCP-SP के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि इस समय मर्जर की बात करना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, "अजित पवार की माता ने जो प्रार्थना की है, वह एक मां की भावना है। परिवार एक साथ आए तो अच्छा ही है, लेकिन राजनीति और परिवार अलग-अलग है। अजित पवार और शरद पवार की राह अलग है। शरद पवार की पार्टी में मर्जर के बारे में कोई बात नहीं हुई है। हमारी पार्टी की बैठक 8/9 जनवरी को मुंबई में होगी, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।"
क्या बोले चंद्रशेखर बावनकुले?
इस राजनीतिक घटनाक्रम पर महाराष्ट्र के अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अगर परिवार साथ आता है, तो अच्छी बात है। उनका हम स्वागत करते हैं।
शिंदे गुट के नेता का बयान
शिंदे शिवसेना के नेता भारत गोगावले ने कहा, "राजनीति और क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है। अगर पवार परिवार मिलता है, एक साथ हो तो ये खुशी की बात है, इसमें गलत कुछ भी नहीं।"
उद्धव गुट के नेता बोले- मां की भावना को समझना चाहिए
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता अंबादास दानवे ने कहा, "मां की भावना को समझना चाहिए, जो उन्होंने कहा इसमें राजनीति नहीं लानी चाहिए। मां की भावना अलग होती है कि पूरा परिवार साथ आए, उसका सम्मान करना चाहिए। प्रफुल्ल पटेल तो खुद की पार्टी को लेकर ऐसी बात कहेंगे ही, लेकिन जब अलग हुए तब उनकी बातें अलग थीं।"
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