Maharashtra Politics: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुंबई दौरे के एक दिन बाद, महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और उनके परिवार के गढ़ को झटका देने के लिए पुणे में आज मंगलवार को 'मिशन बारामती-2024' की शुरुआत की। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 22 सितंबर से तीन दिवसीय बारामती दौरे की तैयारी के लिए बारामती में एक दिन बिताया।
बारामती पर कब्जा करने का लक्ष्य
पार्टी कार्यकतार्ओं की एक बैठक में, बावनकुले ने कहा कि बीजेपी अब बारामती पर कब्जा करने का लक्ष्य रखेगी, जो राज्य के 16 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है, जिसके लिए पार्टी खास ध्यान देगी। बावनकुले ने कहा, "हम चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन बीजेपी अपने घरेलू मैदान बारामती में एनसीपी को कभी भी कड़ी टक्कर नहीं दे सकी। इस बार, हम एक मजबूत चुनौती देने और सीट पर कब्जा करने के लिए खुद को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।"
'सुप्रिया सुले निर्वाचन क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं'
बता दें कि बारामती पिछले 55 वर्षों से 82 वर्षीय शरद पवार का गढ़ है और उनकी बेटी सुप्रिया सुले लोकसभा में इसका प्रतिनिधित्व कर रही हैं। बीजेपी के बयान पर एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि बीजेपी नेता मीडिया का ध्यान खींचने के लिए लंबे बयान देने के लिए जाने जाते हैं और इसलिए इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। तापसे ने कहा, "सुप्रिया सुले निर्वाचन क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं, बारामती में उनके काम की पूरे देश में पहचान है। उन्हें सात बार प्रतिष्ठित 'संसद रत्न पुरस्कार' मिला है।"
2024 चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी
गौरतलब है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बड़ी समीक्षा बैठक कर रहे हैं। पार्टी मुख्यालय में हो रही इस बैठक में खासतौर से लोकसभा की उन हारी हुई 144 सीटों पर पार्टी की वर्तमान स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की जानी है, जिस पर 2019 के चुनाव में बीजेपी उमीदवार को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन उसके उम्मीदवार नंबर दो या नंबर तीन पर आए थे। लोक सभा की इन 144 सीटों की इस लिस्ट में वो सीटें भी शामिल हैं, जिस पर बीजेपी को पहले के चुनावों में एक-दो बार जीत तो हासिल हुई थी, लेकिन 2019 में पार्टी को इन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।