Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में चुनाव से इतर भी तूफान जारी है। राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक के त्यागपत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है। मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार हुए नवाब पर इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। महाराष्ट्र भाजपा विधायकों ने शुक्रवार को मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग को लेकर राज्य विधानसभा की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया है।
7 मार्च तक बढ़ाई गई है नवाब की हिरासत अवधि
दरअसल, ईडी ने नवाब मलिक को दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और वह 7 मार्च तक ईडी की हिरासत में है। महाराष्ट्र भाजपा विधायक विधानसभा की सीढ़ियों पर राकांपा नेता नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि राकांपा नेता नवाब मलिक को दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7 मार्च तक ईडी ने हिरासत में रखा हुआ है। नवाब मलिक की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को नवाब मलिक की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत 7 मार्च तक बढ़ा दी थी। यह मामला दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर नवाब मलिक पर तीखा हमला बोला है। हाल ही में फडणवीस ने कहा कि पहली बार महाराष्ट्र में कोई मंत्री जेल के अंदर है फिर भी उनका इस्तीफा नहीं लिया गया। वे दाऊद के परिवार से सांठगांठ के आरोप में जेल गए हैं, नवाब मलिक का इस्तीफा सरकार क्यों नहीं लेना चाहती, ये दाऊद समर्पित सरकार है, ये दाऊद शरण सरकार है।
23 फरवरी को किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और NCP नेता नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने दाऊद इब्राहिम से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बीते 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद विशेष अदालत ने उन्हें 3 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था। गुरुवार को कोर्ट ने नवाब मलिक की हिरासत को 7 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया। ईडी का आरोप है कि नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों- हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर मुंबई के कुर्ला में मुनीरा प्लंबर की पैतृक संपत्ति को हड़पने के लिए एक आपराधिक साजिश रची। इस पैतृक संपत्ति की कीमत लगभग 300 करोड़ रुपए है। ईडी ने दावा किया था कि मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस अपराध अंजाम दिया गया।