पुणे: एनसीपी में टूट के बाद भतीजे अजित पवार और चाचा शरद पवार एक साथ एक मंच पर नजर आए। बात इससे भी बड़ी ये थी कि महाअघाड़ी नेताओं की नाराजगी के बावजूद शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया। मौका था प्रधानमंत्री मोदी को मंगलवार (1 अगस्त) को 'लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार' से सम्मानित करने का। इस पुरस्कार समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार शामिल हुए थे और सभी एक ही मंच पर नजर आए। इसे लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से खलल शुरू हो सकती है।
अजित पवार ने शरद पवार से फेरी नजर
एनसीपी में हुई टूट के बाद पहली बार अजित पवार और शरद पवार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में एक मंच पर एक साथ दिखे। दोनों नेता करीब 75 मिनट तक कार्यक्रम में शामिल हुए लेकिन दोनों के बीच बातचीत तक नहीं हुई। इतना ही नहीं, अजित पवार को छोड़कर सभी नेताओं ने शरद पवार से हाथ मिलाया और बातचीत की। यहां तक कि शरद पवार पीएम मोदी से मुलाकात के बाद काफी खुश भी नजर आए लेकिन अजित पवार ने चाचा शरद पर एक नजर तक नहीं डाली और कार्यक्रम खत्म होते ही अजित पवार चुपचाप शरद पवार के पीछे से निकल गए।
अजित पवार ने बताई इसकी वजह
जब बाद में पत्रकारों ने अजित पवार से सवाल पूछा कि मंच पर आप गुपचुप तरीके से चाचा शरद पवार के पीछे क्यों चले गए? इसका जवाब देते हुए भतीज अजित पवार ने कहा कि मैं शरद पवार का बहुत सम्मान करता हूं, इसलिए मैं डर के कारण वहां से चला गया।
मंच पर शरद पवार से हाथ ना मिलाने के बारे में पूछे जाने पर अजित पवार ने कहा, ''मैं शरद पवार साहब का सम्मान करता हूं, इसलिए मैं पीछे हट गया। हालांकि हम अपने बड़ों का सम्मान करते हैं, लेकिन डर के मारे पीछे हट जाते हैं, इसलिए मैं चला गया।