महाराष्ट्र: प्रदेश की राजनीति के लिए आज यानी 11 मई का दिन अहम रहने वाला है। 16 विधायकों के निलंबन मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने महाराष्ट्र के सियासी संकट पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था और आज यानी 11 मई को सुप्रीम कोर्ट अपना अहम फैसला सुनाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 15 लोगों पर अपात्रता की तलवार लटक रही है।
जिनका हो सकता है निलंबन, वो हैं-
एकनाथ शिंदे
दीपक केसरकर
महेश शिंदे
चिमनराव पाटिल
अनिल बाबर
संजय रायमुलकर
प्रकाश सुर्वे
लता सोनवणे
रमेश बोरणारे
बालाजी कल्याणकर
संजय शिरसाठ
संदीपान भूमरे
अब्दुल सत्तार
तानाजी सावंत
भारत गोगावाले
यामिनी जाधव।
क्या होगा शिंदे सरकार पर सुप्रीम फैसले का असर
अगर ये फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत उनके 15 विधायको के खिलाफ भी आता है तब भी सरकार को कोई खतरा नही होगा क्योंकि 288 सीटों की महाराष्ट्र विधानसभा की कुल विधायको की संख्या 16 डिस्क़वालीफाई होने के बाद भी संख्या 272 होगी। ऐसेमें बहुमत के लिए 137 विधायको का समर्थन जरूरी है। बीजेपी शिवसेना के पास कुल 164 का बहुमत है। 164 से 16 अपात्र हुए तो भी संख्याबल 148 होता है। इसलिए सरकार को खतरा नही ।
आरोप-प्रत्यारोप जारी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सत्तापक्ष और विपक्ष में बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए है। महाराष्ट्र विधानसभा के अद्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि हमें उम्मीद है कि न्यायपालिका, विधान मंडल के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करेगा। विधायकों को पात्र अपात्र करने का अधिकार विधानसभा अद्यक्ष का है। विधानसभा अधयक्ष के फैसले के खिलाफ कोई सुप्रीम कोर्ट में रीव्यू में जा सकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर बोले-
राहुल नार्वेकर ने कहा कि जैसे शिवसेना के नाम और सिम्बल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में डायरेक्ट हस्तक्षेप नही किया। चुनाव आयोग को निर्णय लेने कहा फ़िर चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ ऊद्धव गूट सुप्रीम कोर्ट गया। वैसे ही विधानमंडल के अधिकारों में कोर्ट हस्तक्षेप नही करेगा विधानसभा अद्यक्ष को विधायको को पात्र अपात्र करने का अधिकार है।
मेरे पास यानी अध्यक्ष के पास वो अधिकार है जब विधानसभा अद्यक्ष नही होते तब उपाद्यक्ष को अधिकार होता है। मेरे पास मामला आएगा तो मैं सभी पक्षो की बात सुनूंगा और जो कानून में होगा उसी हिसाब से निर्णय लूंगा। मैं 10 मई से 14 मई अगले 5 दिन लंडन में रहूंगा। वहां मेरी पहले से तय कुछ मीटिंग,अवार्ड कार्यक्रम और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में चर्च सत्र का आयोजन है।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा-
महाराष्ट्र के सत्तासंघर्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आनेवाले फैसले को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुझे इतना ही कहना है सुप्रीम कोर्ट ने सत्ता संघर्ष पर फैसला देने से पहले ही राज्य के राज्य के कुछ राजनीतिक पंडित और पत्रकार इन्होने फैसला दे दिया है। आगे के कॉम्बिनेशन भी बना दिये, सरकार भी बना डाली। ये सब उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट बहुत बड़ी अदालत है। शांति से कोर्ट के निर्णय का इंतजार कीजिए। हम पुरी तरह से आशावादी हैं, कुछ होनेवाला नहीं है। हमने सब कानून के हिसाब से किया है। हमें उम्मीद है उचित निर्णय होगा।
नेता प्रवक्ता, विधायक शिवसेना ने कहा कि हमें उम्मीद है फैसला हमारे पक्ष में आएगा। मेरा भी नाम 16 विधायको की लिस्ट में । हम बालासाहेब के शिवसैनिक डरते नहीं। सरकार को कोई खतरा नही हमारे पास 172 का बहुमत है। 16 कम भी हुए तो सरकार पर कोई असर नही। हमारे पक्ष में फैसला आएगा तो ऊद्धव गुट के साथ जो विधायक हैं वो हमारे साथ आएंगे, नही आये तो हम उनपर कार्रवाई करेंगे।
ठाकरे गुट ने कहा-
ऊद्धव ठाकरे शिबसेना से अदित्य ठाकरे , प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत ने कहा कि उन्हें संविधान और न्याय देवता पर विश्वास है। विधानसभा अद्यक्ष के पास अपात्रता का फैसला सौंपा जाएगा ये वो विधानसभा अद्यक्ष कैसे कह सकते जब उनके चुनाव को ही चुनौती दी गयी है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने नौ दिन की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इन याचिकाओं पर सुनवाई 21 फरवरी से शुरू हुई थी। इससे पहले 17 फरवरी को शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र में जून 2022 में पैदा हुए सियासी संकट संबंधी याचिकाओं को सात न्यायाधीशों की पीठ को भेजने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के संबंध में प्रतिद्वंद्वी दोनों गुटों उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली है।