Highlights
- महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के सामने इस समय दोहरी चुनौती है।
- उद्धव को अपनी पार्टी के साथ-साथ अब सरकार भी बचानी है।
- एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव अपने सबसे बड़े सियासी संकट में हैं।
Maharashtra Political Crisis: शिवसेना सुप्रीमो और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने इस समय 2 बड़ी चुनौतियां एकसाथ आकर खड़ी हो गई हैं। उन्हें न सिर्फ अपनी पार्टी को टूटने से बचाना है, बल्कि महाराष्ट्र की सरकार भी बचानी है। उनके विश्वस्त साथी रहे एकनाथ शिंदे बगावत कर चुके हैं और उन्होंने कुछ अन्य विधायकों के साथ सूरत में डेरा डाला हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ने डैमेज कंट्रोल की कोशिशें तेज कर दी हैं और जल्द ही उनके 2 दूत सूरत जाकर एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर सकते हैं।
शिंदे को मनाने जाएंगे उद्धव के ये 2 दूत!
सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने रूठे शिवसैनिक एकनाथ शिंदे से बात करने और उन्हें मनाने के लिए मिलिंद नार्वेकर और रविंद्र फाटक को जिम्मेदारी सौंपी है। रविंद्र फाटक को शिंदे का करीबी माना जाता है और वह भी शिंदे की कर्मभूमि ठाणे से ही आते हैं। बता दें कि विधान परिषद चुनावों के नतीजे आने के बाद से ही एकननाथ शिंदे से उद्धव का संपर्क टूट चुका है। बताया जा रहा है कि शिंदे के अलावा उनके साथ गए किसी भी विधायक से कॉन्टैक्ट नहीं हो पाया है। ऐसे में महाराष्ट्र के सत्तारुढ़ गठबंधन की बेचैनी बढ़ती जा रही है।
उद्धव की बैठक में पहुंचे सिर्फ 15 विधायक
बताया जा रहा है कि वर्षा बंगले पर हो रही उद्धव ठाकरे की बैठक में शिवसेना के करीब 15 विधायक ही मौजूद हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बाकी के लगभग 40 विधायक कहां है। बता दें कि एकनाथ शिंदे के साथ भी बड़ी संख्या में विधायकों के होने की बात कही जा रही है। इस बीच शरद पवार ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है जिसमें उन्होंने उम्मीद जताई है कि उद्धव अपनी पार्टी संभाल लेंगे। पवार के इस बयान को देखकर समझा जा सकता है कि महाराष्ट्र सरकार का संकट कितना बड़ा है।