Highlights
- उद्धव ने सीएम के आधिकारिक आवास वर्षा बंगले को छोड़ा।
- बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ अब तक 42 विधायक आए।
- वर्षा से उद्धव ठाकरे का सामान भी शिफ्ट कर दिया गया है।
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बुधवार की रात अपने आधिकारिक आवास वर्षा बंगले से निकलकर मातोश्री में शिफ्ट हो गए। उनके साथ उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे और पुत्र आदित्य ठाकरे भी थे। वर्षा यानी मुख्यमंत्री के सरकारी निवास से उद्धव ठाकरे का सामान भी शिफ्ट कर दिया गया है। जब उनका सामान शिफ्ट किया जा रहा था, उस समय बंगले के बाहर शिवसैनिकों की भारी भीड़ जमा थी और वे 'उद्धव तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं' के नारे लगा रहे थे। मातोश्री पहुंचकर उद्धव ने बड़ी संख्या में जुटे शिवसैनिकों का अभिवादन स्वीकार किया, जबकि आदित्य ने विक्ट्री साइन बनाकर समर्थकों को हिम्मत बंधाई।
शिंदे के साथ हैं 45 विधायक
शिवसेना से बगावत करने वाले नेता एकनाथ शिंदे के साथ इस समय 42 विधायक हैं। कहा जा रहा है कि यह संख्या कल तक 45 हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी फिलहला वेट एंड वॉच की भूमिका में है। हालांकि एकनाथ शिंदे की मदद से यदि देवेंद्र फडणवीस जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते दिखें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। एकनाथ शिंदे की बगावत न सिर्फ उद्धव सरकार को, बल्कि ठाकरे परिवार की साख को भी बड़ा नुकसान पहुंचाती दिख रही है।
हैरान करता है पवार का रुख
इस पूरे सियासी संकट के दौरान जिस बात ने सबसे ज्यादा हैरान किया, वह यह कि एनसीपी और कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे को मुश्किल में अकेले छोड़ दिया। महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले शरद पवार भी खुलकर सामने नहीं आए, और उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे लगे कि वह इस संकट को सुलझाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। शायद सहयोगियों का यह रुख देखकर ही उद्धव ने हथियार डालने का फैसला किया।
‘सीएम पद छोड़ने को तैयार हूं’
इससे पहले भावुक उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह करने वाले बागी विधायकों को सुलह का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा था कि यदि कोई शिवसैनिक उनकी जगह लेता है तो उन्हें खुशी होगी। शिंदे के विद्रोह के कारण सरकार पर आए संकट पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ठाकरे ने कहा था कि अगर बागी विधायक यह घोषणा करते हैं कि वह उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।
‘MVA से बाहर आएं उद्धव’
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी एक ‘अप्राकृतिक गठबंधन’ है और उनकी पार्टी के लिए जरूरी है कि वह अपने और पार्टी कार्यकर्ताओं के हित में NCP और कांग्रेस के साथ इस गठबंधन से बाहर निकल आए। शिंदे ने कहा कि MVA से सिर्फ गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस और NCP को लाभ हुआ है जबकि शिवसैनिकों को सबसे ज्यादा तकलीफ हुई है। उन्होंने कहा कि MVA में NCP और कांग्रेस मजबूत हो रहे हैं, जबकि शिवसेना और उसके कार्यकर्ता कमजोर होते जा रहे हैं।