Highlights
- उद्धव की सरकार ही नहीं संगठन पर भी मंडरा रहा खतरा
- शिवसेना के अधिकतर विधायकों ने छोड़ा उद्धव का साथ
- मौजूदा राजनीतिक हालात पर जिला प्रमुखों के साथ की मीटिंग
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। शिवसेना से बड़ी संख्या में बागी हुए विधायकों ने उद्धव की न केवल सत्ता हिलाकर रख दी बल्कि पार्टी के भी बिखरने का खतरा मंडरा रहा है। यही कारण है कि आज शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने राज्य सभी जिला प्रमुखों के साथ अहम बैठक की। इस दौरान जिला प्रमुखों को शिवसेना चीफ उद्भव ठाकरे ने मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर मार्गदर्शन किया।
"आंसू नहीं, कोरोना के कारण आंखों में पानी है"
महाराष्ट्र के सभी जिला प्रमुखों के साथ मीटिंग में उद्भव ठाकरे ने कहा कि मुझे सत्ता का लोभ नहीं है। इस दैरान मुख्यमंत्री ने बागी विधायकों पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि कौन किस तरह का व्यवहार कर रहा है, इसमें हमें नहीं जाना है। जो लोग बोलते थे कि हम मरने पर भी शिवसेना नही छोड़ेंगे, वो मरने के पहले ही छोड़कर चले गए। उद्धव ने कहा कि ठाकरे और शिवसेना के नाम का उपयोग किए बिना जीकर दिखायें। बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना के कारण आंखों में पानी है ये आंसू नहीं है।
"मुख्यमंत्री पद नहीं, एक तरह की राक्षसी महत्वकांक्षा"
महाराष्ट्र सीएम ने बैठक में कहा कि बागी विधायकों ने शिवसेना को तोड़ने का काम किया है। मेरा फोटो बिना उपयोग किये लोगों के बीच घूमकर दिखाएं। ठाकरे ने आगे कहा कि जो छोड़कर गए, उनको लेकर मुझे क्यों बुरा लगेगा? मेरा मानना है कि ये मुख्यमंत्री पद नहीं एक तरह की राक्षसी महत्वकांक्षा है। उन्होंने कहा कि मैंने जिद नहीं छोड़ी है, मेरी जिद अभी भी कायम है।
"मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं, मेरी रीढ़ की हड्डी हिल रही थी"
जिला प्रमुखों के साथ मीटिंग में उद्भव ठाकरे ने आगे कहा, "मुझे लगता था कि मेरी मुख्यमंत्री की कुर्सी हिल रही है, लेकिन वो मेरी रीढ़ की हड्डी हिल रही थी।" ठाकरे ने कहा कि विधायकों को लालच देकर अपनी तरफ खींचा गया। एकनाथ शिंद के लिए क्या कम किया, नगर विकास मंत्रालय दिया। संजय राठौड़ पर गम्भीर आरोप होते हुए भी उन्हें संभाला गया। शिवसेना प्रमुख ने आगे कहा कि पेड़ के फूल ले सकते हो, डालियां भी ले सकते हो लेकिन इनके बच्चों को नहीं ले जा सकते। ठाकरे ने आगे कहा कि शिवसेना के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले को दिखाना होगा कि शिवसेना के प्रति उनकी निष्ठा क्या है?