Highlights
- शिवसेना महाअघाड़ी से निकलने को तैयार- राउत
- बागी विधायकों को मुंबई आकर मांग करनी होगी- राउत
- बागी बताएं क्यों महाअघाड़ी से निकलना जरूरी- राउत
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के सियासी संकट पर शिवसेना का बहुत बड़ा बयान सामने आया है। (Shiv sena) प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा है कि शिवसेना महाविकास अघाड़ी से निकलने के लिए तैयार है लेकिन ये तभी संभव है जब बागी विधायक मुंबई आकर मांग करें और बताएं कि वो ऐसा क्यों चाहते हैं। राउत ने कहा कि गुवाहाटी में बैठकर मांग करने से कोई फायदा नहीं मुंबई आकर मांग करें तो फैसला होगा। शिवसेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकनाथ शिंदे गुट पर हमला करते हुए राउत ने कहा, ''इन लोगों की मुंबई आने की हिम्मत नहीं है। यहां पर आकर उन्हें जो कुछ कहना है वह कहना चाहिए। यहां पर आकर पत्र व्यवहार करना चाहिए लेकिन यह सभी लोग गुवाहाटी में बैठकर बातें बना रहे। हिम्मत है तो मुंबई वापस आइए। उद्धव जी के सामने अपनी बात रखें। मुझे पूरा भरोसा है कि आपकी बात सुनी जाएगी। 24 घंटों के अंदर वापस आइए। एमवीए से बाहर निकलने विचार करेंगे।''
'जो प्रेशर में पार्टी छोड़ता है, वह बाला साहेब का भक्त नहीं हो सकता'
इससे पहले आज संजय राउत ने कहा था, ''पार्टी के लाखों कार्यकर्ता शिवसेना के साथ खड़े हैं। संजय राउत ने कहा कि शिवसेना अभी भी मजबूत है। विधायक क्यों गए, इसका खुलासा जल्द होगा। संजय राउत ने कहा कि गुवाहाटी गए 20 लोगों से अभी भी हमारा संपर्क बना हुआ है।'' संजय ने कहा कि इस प्रसंग और ऐसे तूफानों का सामना करने का हमें पुराना अनुभव है। जो प्रेशर में पार्टी छोड़ता है, वह बाला साहेब का भक्त नहीं हो सकता। हम आज भी ठाकरे परिवार के साथ आखिरी सांस तक रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब फ्लोर टेस्ट होगा, तो कौन पॉजिटिव है, कौन निगेटिव है, सब पता चल जाएगा।
शिवसेना का समीकरण
एकनाथ शिंदे के साथ- 41 शिवसेना के बागी विधायक
उद्धव ठाकरे के साथ- 14 शिवसेना विधायक
10 सांसद भी एकनाथ शिंदे के संपर्क में
बता दें कि महाराष्ट्र में पल-पल सियासी हलचल तेज़ होती जा रही है। थोड़ी देर में शिवसेना की एक बहुक अहम बैठक शुरू होने वाली है। शिवसेना ने मुंबई में एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है। मुंबई के सभी पदाधिकारियों को मीटिंग में बुलाया गया है। पार्टी नेताओं को फोन कर बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है। हालांकि इसी बीच खबर है कि 10 सांसद भी एकनाथ शिंदे के गुट में जाने के लिए शिंदे के संपर्क में हैं। इन सांसदों ने तब भी विरोध किया था जब अघाड़ी गठबंधन मे शिवसेना गई थी।