बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को पुलिस में ट्रांसजेंडर की भर्ती को लेकर आदेश दिया है। कोर्ट ने MPSC परीक्षा में तृतीय पंथियों यानी ट्रांसजेंडर के लिए 13 दिसंबर तक वेबसाइट पर विकल्प देने को कहा है। इस फैसले के बाद पुलिस भर्ती में अब पुरुष और महिलाओं के साथ तृतीय पंथी यानी ट्रांसजेंडर भी आवेदन कर सकेंगे। इसके साथ ही ट्रांसजेंडर के फजिकल टेस्ट के लिए अगले ढाई महीने में नए नियम बनाने का भी आदेश दिया है।
महाराष्ट्र सरकार को कोर्ट ने लगाई फटकार
बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस भर्ती में ट्रांसजेंडरों के लिए दो पद न रखे जाने पर नाराजगी जताई महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई। ऐसा नी करने पर कोर्ट ने पूरी भर्ती प्रक्रिया रोक देने की चेतावनी दी। बॉम्बे हाईकोर्ट की एक बेंच ने कहा- सात साल से यह सरकार गहरी नींद में है। आप अपने काम नहीं करते हैं और पीड़ित लोगों को अदालतों में आना पड़ता है। जब अदालतें आदेश पारित करती हैं, तो हम पर अतिक्रमण का आरोप लगाया जाता है। मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने कहा, "आप नियम नहीं बनाएंगे और आप उन्हें (ट्रांसजेंडर) शामिल नहीं करेंगे तो हम पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा देंगे, फिर आपको नियम बनाने के लिए मजबूर किया जाएगा।"
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
बता दें कि साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक पदों पर भर्ती के दौरान ट्रांसजेंडरों के लिए पद रखने के लिए कहा था। कई राज्यों ने इसे लागू भी किया लेकिन महाराष्ट्र में अभी तक ऐसा नहीं किया गया। ट्रांसजेंडर की ओर से पेश अधिवक्ता क्रांति एलसी ने कहा कि 11 राज्य सरकारों ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार प्राविधान किए हैं। इस पर बेंच ने कहा, 'महाराष्ट्र क्यों पीछे रहे? हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र भी ऐसा करे।' भगवान हर किसी के लिए दयालु नहीं रहे हैं। हमें दयालु होने की जरूरत है।"