Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे(Ek Nath Shinde) ने कहा अगर उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर हस्तक्षेप किया होता तो शिवसेना के उनके खेमे को दशहरा रैली के आयोजन स्थल के तौर पर मध्य मुंबई स्थित शिवाजी पार्क का मैदान मिल गया होता। बम्बई हाई कोर्ट(Bombay High Court) ने 23 सितंबर को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे को दादर स्थित शिवाजी पार्क मैदान में वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति दे दी थी। बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना शिवाजी पार्क में परंपरागत रूप से दशहरा रैली मनाती आ रही है लेकिन इस बार शिवसेना में दो गुट बन चुके हैं।
'हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं'
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे ने उसी दिन (5 अक्टूबर) को शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति मांगी थी और हाई कोर्ट में ठाकरे समूह की याचिका का विरोध किया था। इस बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रैली के लिए शिवाजी पार्क की मांग की थी, लेकिन अब वे हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैंने मुख्यमंत्री के रूप में हस्तक्षेप किया होता, तो हमें रैली के लिए शिवाजी पार्क मिल गया होता।
'शांति एवं सद्भाव सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य'
हालांकि, मुख्यमंत्री के रूप में शांति एवं सद्भाव सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है। इसलिए हम बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में एमएमआरडीए मैदान के लिए मान गए।’’ ठाकरे खेमे के लिए उसके पक्ष में उच्च न्यायालय के फैसले का एक प्रतीकात्मक महत्व है, क्योंकि शिवाजी पार्क पार्टी की स्थापना के बाद से जुड़ा हुआ है। शिवसेना के दोनों खेमे खुद को ‘‘असली’’ के तौर पर स्थापित करने के लिए प्रयासरत हैं।