Maharashtra News: महाराष्ट्र की औरंगाबाद पुलिस ने चार मई से मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को ‘बंद करने’ की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे की धमकी के कुछ दिनों बाद मंगलवार को उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया। सिटी चौक पुलिस ने राज ठाकरे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 116 (जेल की सजा वाले अपराध के लिए उकसाना) और 117 (जनता या 10 से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध के लिए उकसाना) तथा महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया।
सिटी चौक पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि ठाकरे की रैली के आयोजकों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि गत 1 मई को औरंगाबाद की रैली में Raj Thackeray ने लोगों से कहा था कि अगर मस्जिदों के ऊपर से लाउडस्पीकर नहीं हटाए गये तो वे चार मई से उनके बाहर हनुमान चालीसा बजाएं। इससे पहले मंगलवार को, महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, डीजीपी सेठ और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मनसे प्रमुख की धमकी की पृष्ठभूमि में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की।
राज ठाकरे के सामने क्या हैं विकल्प?
राज ठाकरे के खिलाफ आरोप जमानती हैं। हालांकि राज के खिलाफ धारा 153ए के तहत मामला दर्ज किया गया है, लेकिन उन पर धारा 153ए के तहत आरोप नहीं लगाया गया क्योंकि हिंसा की कोई घटना नहीं हुई थी। इस धारा के तहत अपराध गैर जमानती है। ऐसे में राज ठाकरे के पास दो विकल्प हैं।
राज ठाकरे द्वारा अग्रिम जमानत के लिए एक आवेदन दायर किया जा सकता है। अगर गिरफ्तारी से पहले की जमानत अर्जी मंजूर हो जाती है तो राज को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को अदालत में चुनौती दी जा सकती है और राज को प्राथमिकी रद्द करने के लिए कहा जा सकता है।