Highlights
- MSC पास है गिरफ्तार मास्टरमाइंड आरोपी, पहले नौकरीपेशा था
- ड्रग्स बनाने का फॉर्मूला जानता था, ऐसे बढ़ता गया लालच
- गुजरात के अंकलेश्वर की केमिकल फैक्टरी को बनाया नया ठिकाना
Maharashtra News: मुंबई पुलिस के एंटी नारकॉटिक्स सेल ने दुनिया के अब तक की सबसे बड़ी MD ड्रग्स की खेप को पकड़ा है। एएनसी ने पिछले 15 दिनों में एक ही ड्रग चेन से जुड़े 7 लोगों को गिरफ़्तार कर 1214 किलो MD ड्रग्स ज़ब्त किया है। इस ड्रग्स की कीमत बाजार में करीब 2400 करोड़ बताई जा रही है। कहानी की शुरुआत 29 मार्च से हुई। 29 मार्च को एएनसी ने शमसुल्लाह खान को 250 ग्राम मेफेड्रोन के साथ पकड़ा, जिसकी कीमत 37.50 लाख रुपए है। शमसुल्लाह से पूछताछ के बाद एएनसी ने अयूब नाम के शख्स को मुम्बई के गोवंडी इलाके से 2.70 किलोग्राम मेफेड्रोन के साथ पकड़ा, जिसकी कीमत 4.14 करोड़ रुपये है। इन दोनों से पूछताछ के बाद एक महिला आरोपी रेशमा चंदन को गिरफ्तार किया गया। इस महिला ने अपने दो सहयोगियों के बारे में जानकारी दी। इनमें से एक को 2 अगस्त को पकड़ा गया, जिसका नाम रियाज़ मेमन था और इस केस में सबसे अहम गिरफ्तारी को 3 अगस्त को हुई। पांचवे आरोपी का नाम प्रेम शंकर सिंह है।
MSC पास है गिरफ्तार मास्टरमाइंड आरोपी, पहले नौकरीपेशा था
प्रेम शंकर ने साल 1991 में पूर्वांचल यूनिवर्सिटी से आर्गेनिक केमिस्ट्री में MSC कर रखा है। उसके बाद इसी यूनिवर्सिटी से MBA इन फाइनेंस कर रखा है।शादी होने के बाद साल 1996 में प्रेमशंकर मुम्बई से सटे नालासोपारा में रहने लगा। तब से लेकर 2017 तक केमिकल इंडस्ट्री में अलग लग तरीके की नौकरी कर रहा था। साल 2018 में इसने श्रेया केमिकल्स नाम की अपनी कंपनी बनाई। कंपनी की वेबसाइट पर इसने कई केमिकल्स का ये कहकर जिक्र किया था कि इसकी मैन्युफैक्चरिंग या इन केमिकल्स से जुड़े कोई काम हो तो उससे संपर्क किया जा सकता है। प्रेमशंकर फार्मासूटीकल्स के बिज़नेस में जाना चाहता था। वेबसाइट पर जिन केमिकल्स का उसने जिक्र किया था उसमें केटामाइन भी था। साल 2019 में केटामाइन की वजह से किसी अंजान शख्स ने टेलिग्राम पर प्रेमशंकर को संपर्क किया और केटामाइन के साथ साथ MD ड्रग्स की मांग की।
ड्रग्स बनाने का फॉर्मूला जानता था, ऐसे बढ़ता गया लालच
प्रेमशंकर MD ड्रग्स का फॉर्मूला तो जानता था लेकिन अभी उसमें मैन्युफैक्चर नहीं किया था। अंजान शख्स की मांग पर उसने अपने घर में 50 ग्राम MD बना डाला जिसके उसे अच्छे पैसे मिले। प्रेमशंकर को इस शॉर्टकट में पैसा दिखा। प्रेमशंकर ने मुंबई से सटे अम्बरनाथ में अपने एक जाननेवाले केमिकल फैक्ट्री आॅनर को संपर्क किया औऱ उसे MD बनाने का आफर दिया। इसके बाद अम्बरनाथ की इस फैक्ट्री में MD बनाने का काम शुरू किया गया।
नालासोपारा गोदाम से 702 किलो MD जब्त की गई
प्रेमशंकर की जब गिरफ्तारी हुई तो नालासोपारा में उसके गोदाम से 702 किलो MD जब्त की गई। इसकी कीमत बाजार में 1400 करोड़ रुपए थी। अम्बरनाथ की फैक्ट्री में एक साल तक MD बनने के बाद जब वहां के मजदूरों ने बदबू की वजह से काम करने से इनकार कर दिया, तब प्रेमशंकर ने मैन्युफैक्चरिंग के लिए नया ठिकाना ढूंढा। पुलिस ने अम्बरनाथ के फैक्ट्री के मैनेजर किरण पवार को गिरफ़्तार किया है जबकि मालिक अभी भी फरार है।
गुजरात के अंकलेश्वर की केमिकल फैक्टरी को बनाया नया ठिकाना
अम्बरनाथ के बाद प्रेमशंकर ने अपना नया ठिकाना बनाया गुजरात के अंकलेश्वर की एक केमिकल फैक्ट्री को। इस फ़ैक्टरी के चार मालिकों में से एक गिरिराज दीक्षित प्रेमशंकर का दोस्त था। दीक्षित ने साल 1992 में आगरा यूनिवर्सिटी से आर्गेनिक केमिस्ट्री में MSC कर रखा था। दीक्षित ने बाकी मालिकों को अंधेरे में रखकर MD की मैन्यूफैक्चरिंग शुरू कर दी।
अंकलेश्वर फैक्टरी से 500 किलो MD ड्रग्स बरामद
मुम्बई पुलिस की एएनसी ने 13 अगस्त को अंकलेश्वर की इस फैक्ट्री में छापा मारकर 500 किलो MD और MD बनाने वाला केमिकल ज़ब्त किया। इसकी क़ीमत 1026 करोड़ बताई जा रही है। इसी छापे में गिरिराज दीक्षित की भी गिरफ्तारी हुई है।
4 साल में बेच दी 3 हजार करोड़ रुपए की 1.5 टन MD ड्रग्स
एएनसी का कहना है कि पूछताछ में सामने आया है कि पिछले 4 साल में इन लोगों ने 1.5 टन MD बना कर बेच दिया है। इसकी कीमत 3000 करोड़ रुपये के करीब है। इस पूरे ड्रग्स के गोरखधंधे का मास्टरमाइंड प्रेमशंकर था। इसने मुंबई में इस गोरखधंधे से कमाए पैसे से करोड़ो की प्रॉपर्टी खरीद रखी है।