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Maharashtra News: चुनाव आयोग बताएगा कि असली शिवसेना कौन सी है? शिंदे और ठाकरे गुट को दिए ये निर्देश

Maharashtra News: निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों से दस्तावेज जमा कराने के लिए कहा गया है, जिनमें पार्टी की विधायी और संगठनात्मक इकाइयों से समर्थन का पत्र तथा विरोधी गुटों के लिखित बयान शामिल हैं।

Reported By : PTI Edited By : Sudhanshu Gaur Published : Jul 23, 2022 13:17 IST, Updated : Jul 23, 2022 14:03 IST
Shivsena
Image Source : INDIA TV Shivsena

Highlights

  • बगावत के बाद शिवसेना के हो चुके हैं दो गुट
  • एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन बने मुख्यमंत्री
  • उद्धव ठाकरे की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे शिंदे

Maharashtra News: शिवसेना में हुई बगावत के बाद अब मामला चुनाव आयोग पहुंच गया है। दरअसल उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुटों ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह 'तीर-धनुष' पर अपना दावा जताया है। जिसको लेकर दोनों गुटों ने चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद अब चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से पार्टी के चुनाव चिह्न पर उनके दावों के समर्थन में आठ अगस्त तक दस्तावेज जमा कराने को कहा है। 

निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों से दस्तावेज जमा कराने के लिए कहा गया है, जिनमें पार्टी की विधायी और संगठनात्मक इकाइयों से समर्थन का पत्र तथा विरोधी गुटों के लिखित बयान शामिल हैं। इस सप्ताह शिवसेना के शिंदे गुट ने आयोग को पत्र लिखकर पार्टी का ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न उसे देने का अनुरोध किया था। शिंदे गुट ने इसके लिए लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा में उसे मिली मान्यता का हवाला दिया था। 

गौरतलब है कि शिवसेना पिछले महीने तब दो धड़ों में बंट गई थी, जब उसके दो-तिहाई से अधिक विधायकों ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार से बगावत कर दी थी और शिंदे का समर्थन किया था। शिंदे ने 30 जून को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 

लोकसभा में विनायक राउत की जगह राहुल शोवले बने शिवसेना के नेता सदन 

वहीं बीते मंगलवार को लोकसभा में शिवसेना के 18 में से कम से कम 12 सांसदों ने सदन के नेता विनायक राउत के प्रति अविश्वास जताया था और राहुल शेवाले को अपना नेता घोषित किया था। लोकसभा अध्यक्ष ने उसी दिन शेवाले को नेता के तौर पर स्वीकृति दे दी थी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी गुट सूचना से वंचित न रहे, चुनाव आयोग ने पिछले दो दिनों में दोनों समूहों द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों के आदान-प्रदान के निर्देश दिए हैं। चुनाव चिह्न को लेकर दावा इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र के राज्य निर्वाचन अयोग को दो सप्ताह के भीतर स्थानीय निकायों के चुनावों को अधिसूचित करने का निर्देश दिया था। 

महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) समेत कई नगर निकायों में चुनाव होने हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले शिवसेना के गुट ने भी निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वह पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावे से जुड़े किसी भी आवेदन पर फैसला लेने से पहले उसका पक्ष सुने।

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