Highlights
- महाराष्ट्र विधानभवन में भिड़े शिंदे गुट और NCP के विधायक
- शिंदे ग्रुप के विधायक दिलीप मामा लांडे और एनसीपी विधायक अमोल मिटकरी के बीच तनाव
- आदित्य ठाकरे, अजित पवार, बालासाहेब थारोत ने की नारेबाजी
Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानभवन में शिंदे गुट और NCP के विधायकों के बीच भिड़ंत हुई है। मामला यहां तक पहुंच गया कि दोनों पक्षों की तरफ से धक्का मुक्की भी हुई और नारेबाजी भी की गई। दरअसल सत्ता पक्ष के विधायक जब विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब विपक्ष के विधायक भी विधानभवन की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे। इसी दौरान दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी होने लगी। आदित्य ठाकरे, अजित पवार, बालासाहेब थारोत भी नारेबाजी कर रहे थे। लेकिन तभी शिंदे ग्रुप के विधायक दिलीप मामा लांडे और एनसीपी विधायक अमोल मिटकरी एक-दूसरे से भिड़ गए।
भाजपा और महाविकास अघाड़ी के विधायकों के बीच बहस
महाराष्ट्र के कुछ भाजपा विधायकों और महाविकास अघाड़ी के विधायकों में राज्य विधानसभा के बाहर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध को लेकर बहस भी हुई है। इसका एक वीडियो सामने आया है।
पहले भी शिंदे सरकार के खिलाफ हुई थी नारेबाजी
बता दें कि इससे पहले भी महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले विपक्षी दलों ने विधान भवन की सीढ़ियों पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। विपक्ष के नेता अजीत पवार के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने किसानों के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी।
विधायक आदित्य ठाकरे सहित उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के कुछ सदस्यों ने भी नारेबाजी में हिस्सा लिया था। कुछ विपक्षी सदस्यों को तख्तियां पकड़े हुए देखा गया था, जिन पर शिंदे-फडणवीस नीत सरकार की वैधता पर सवाल उठाए गए थे। दक्षिण मुंबई में राज्य विधान सभा परिसर की सीढ़ियों पर प्रदर्शन कर रहे विपक्षी दल के एक नेता ने कहा था, ‘‘इस सरकार ने उन किसानों की दुर्दशा को नजरअंदाज कर दिया है, जिन्होंने अधिक बारिश के कारण अपनी फसल खो दी थी। सरकार की वैधता भी संदेह के घेरे में है जिस पर कानूनी रूप से बहस की जा रही है।’’
कब खत्म होगा मानसून सत्र
मानसून सत्र 25 अगस्त को खत्म होगा। विपक्ष शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को निशाना बनाते हुए इसके ‘‘असंवैधानिक’’ होने का दावा कर रहा है। अजित पवार इससे पहले कह चुके हैं, ‘‘जिस तरह से सरकार सत्ता में आई है, यह हमारा सर्वसम्मत विचार है कि शिंदे गुट सरकार निर्धारित संवैधानिक नियमों के मुताबिक नहीं बनी है। इससे जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला लंबित है। सरकार को सभी लोकतांत्रिक मूल्यों और नियमों को ताक पर रखकर बनाया गया है।’’ अन्य बातों के अलावा, विपक्ष ने जुलाई और अगस्त में अधिक वर्षा के कारण 15 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की फसलों को हुए नुकसान का हवाला देते हुए राज्य सरकार से ‘बाढ़ की स्थिति’ घोषित करने की मांग की है।