Highlights
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्धव ठाकरे से नहीं कहा था सलाम वालेकुम
- बीजेपी ने उद्धव ठाकरे के दावे को बताया झूठा
- पूर्व विधायकों की एक बैठक में उद्धव ठाकरे ने दिया था यह बयान
Maharashtra News: शिवसेना का दावा है कि राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए की प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू को समर्थन देने के लिए केंद्रीय बीजेपी नेता भी देशभर के राजनीतिक पार्टियों से खास तौर से छोटी-छोटी पार्टियों के प्रमुखों को फोन पर समर्थन देने की अपील कर रहे हैं। इसी सिलसिले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिए फोन किया था। उद्धव ठाकरे उस समय नाराज हो गए, जब राजनाथ सिंह ने उनसे फोन उठाते ही सलाम वालेकुम कह दिया। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने भी राजनाथ सिंह को सलाम वालेकुम का जवाब जय श्री राम बोल कर दिया। उद्धव ठाकरे ने यह बात शिवसेना के पूर्व विधायकों के साथ हुई बैठक में बतायी। हालांकि, बीजेपी के नेताओं ने उद्धव ठाकरे द्वारा बताई गई इस खबर को झूठा बताया है।
पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है और इस राजनीति का नतीजा यह रहा कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ गई। जबसे द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है, तभी से बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने मुर्मू को जिताने के लिए राज्यों की छोटी पार्टियों के साथ लॉबिंग करनी शुरू कर दी है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के पूर्व विधायकों की एक बैठक बुलाई थी जिसमें उन्होंने इन पूर्व विधायकों को बताया कि द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फोन किया था। दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्धव ठाकरे को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिए फोन किया। ठाकरे ने इन पूर्व विधायकों को फोन पर बताया कि राजनाथ ने उन्हें सलाम वालेकुम कहकर तंज कसा, जिस पर वह भड़क गए।
बीजेपी ने उद्धव ठाकरे के दावे को खारिज किया
इसके बाद राजनाथ सिंह ने हंसते हुए माहौल को थोड़ा हल्का करने की कोशिश की। इसके बाद राजनाथ ने उद्धव ठाकरे से आदिवासी क्षेत्र की महिला और एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की गुजारिश की। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के बारे में उस समय कोई ठोस जवाब नहीं दिया था। राष्ट्रपति पद के चुनाव में शिवसेना के ज्यादातर सांसद एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन के पक्ष में हैं। शिवसेना के कुछ सांसद उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर यह बता चुके हैं कि हमें द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए क्योंकि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी क्षेत्र से आती हैं। यही कारण है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने का आज ऐलान कर दिया है। हालाकि उद्धव ने कहा कि उनपर सांसदों का कोई दबाव नही था।
वहीं बीजेपी ने उद्धव ठाकरे द्वारा फैलाई गई इस बात को महज अफवाह बताते हुए उनपर निशाना साधा। बीजेपी नेताओं ने कहा है कि उद्धव ठाकरे ने जो जानकारी दी है वह पूरी तरह से झूठी है। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार का कहना है कि उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस बारे में बातचीत की है। मुनगंटीवार ने कहा कि राजनाथ सिंह ने उन्हें बताया है कि उन्होंने कभी भी उद्धव ठाकरे के साथ इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। अगर उद्धव ठाकरे खुद अपने नेताओं को यह गलत जानकारी दे रहे हैं तो यह काफी गंभीर बात है।
बीजेपी के अन्य नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने भी कहा कि उद्धव ठाकरे को उनके विधायक कार्यकर्ता छोड़कर जा रहे हैं, इस कारण वो अटपटी बाते कर रहे हैं। बीजेपी नेता और कार्यकर्ता ऐसी बातों से आहत हैं और ये सहन नही करेंगे। राजनाथ सिंह एक सुशील राजनेता हैं वे कभी ऐसी बात नही कर सकते। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरकार उद्धव ठाकरे ने अपने पार्टी के नेताओं को यह जानकारी क्यों दी?