Highlights
- उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर साधा निशाना
- दिल्ली शासकों के सामने घुटने टेकने का लगाया आरोप
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से प्रेरणा लेने की दी सीख
Maharashtra News: उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने पार्टी के भीतर बगावत के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों के गुट पर प्रहार तेज करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने दिल्ली के 'शासकों' के आगे घुटने टेक दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना को किनारे किया जा रहा है, पार्टी अपनी जड़ों की ओर लौट रही है तथा मराठी गौरव के मुद्दे को उठा रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से 30 जून को मुख्यमंत्री बने शिंदे तब से कई बार दिल्ली के फेरे लगा चुके हैं, चाहे वह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ हो या उनके बिना। उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में आठ अगस्त को मुख्य खबर में 'दिल्ली' पर महाराष्ट्र का अपमान करने का आरोप लगाया गया क्योंकि मुख्यमंत्री शिंदे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक के बाद सामूहिक तस्वीर खिंचवाने के दौरान पिछली पंक्ति में खड़ा किया गया था।
'मुख्यमंत्री शिंदे को अंतिम पंक्ति में खड़ा किया गया'
खबर में कहा गया था, ''दिल्लीश्वर (शिवसेना अक्सर इस शब्द का इस्तेमाल भाजपा नीत केंद्र सरकार और उसके नेताओं के लिए करती है) ने महाराष्ट्र का अपमान किया क्योंकि प्रधानमंत्री, अन्य मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों के चक्कर में मुख्यमंत्री शिंदे को अंतिम पंक्ति में खड़ा किया गया।'' राज्य मंत्रिमंडल के नौ अगस्त को हुए बहुप्रतीक्षित विस्तार के बाद शिवसेना ने अगले दिन 'सामना' में अपने संपादकीय में शिंदे की राष्ट्रीय राजधानी के सात बार फेरे लगाकर दिल्ली के सामने 'झुकने' के लिए आलोचना की। संपादकीय में कहा गया कि जब मुगल शासक औरंगजेब ने मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी को 5,000 दरबारियों की कतार में खड़ा किया था तो वह अपने आत्म-सम्मान की खातिर दरबार छोड़कर चले गए थे।''
उद्धव ठाकरे ने नीतीश कुमार को सराहा
'सामना' में 11 अगस्त को छपे एक अन्य संपादकीय में कहा गया कि दिल्ली के सामने 'घुटने टेकने' वाले शिंदे को यह समझना चाहिए कि बिहार के उनके समकक्ष नीतीश कुमार ने दिखाया है कि वह उनके (भाजपा) बिना भी मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं। पार्टी ने दिल्ली और केंद्रीय एजेंसियों के दबाव के आगे झुकने के लिए बागी विधायकों की भी आलोचना की। यह आलोचना केवल ‘सामना’ के संपादकीय तक ही सीमित नहीं रही बल्कि शिवसेना नेताओं ने अपने भाषणों में भी बागियों पर निशाना साधा। शिवसेना की युवा इकाई 'युवा सेना' के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने इस महीने की शुरुआत में सिंधुदुर्ग में एक रैली में कहा था, ''महाराष्ट्र के खिलाफ साजिश रची गयी है।''