Highlights
- भीड़ ने बच्चा चोर समझकर किन्नर की कर दी पिटाई
- पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया
Maharashtra News : महाराष्ट्र में बच्चा चोरी की अफवाह रुकने का नाम नही ले रही है। एक जिले के बाद दूसरे जिले में यह अफवाह तेजी से फैलती जा रही है और इसका खामियाजा बेगुनाह लोगो को भुगतना पड़ रहा है। सांगली में 4 साधुओं पर हुए हमले के बाद अब विदर्भ के बुलढाणा जिले के जलगांव जमोद गांव में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां भीड़ ने एक किन्नर को बच्चा चोरी करने वाली समझ लिया और उसकी पिटाई कर दी। किन्नर की शिकायत पर आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि तीन फरार हैं।
भीड़ ने बच्चा चोर समझकर किन्नर की कर दी पिटाई
बुलढाणा जिले के जलगांव जमोद में कल शाम को भीड़ ने एक किन्नर को बच्चे चुराने वाली समझ कर उसकी पिटाई कर दी। सायरा नाम की एक किन्नर महिला अकोट गांव से एक फैशन शो देखकर मलकापुर लौट रही थी तभी भीड़ ने उसे बच्चा चोरी करने वाला गिरोह का सदस्य समझकर जलगांव जमाोद के पुराने बस स्टैंड इलाके में पिटाई कर दी। किन्नर को भीड़ द्वारा पीटा गया और पकड़कर उसे थाने ले जाया गया। लोगों ने कार्रवाई की मांग की गई है।
पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया
वहीं जलगांव जामोद पुलिस ने अब तक वीडियो में दिख रहे पांच लोगों को हिरासत में लिया है और पुलिस अन्य हमलावरों की तलाश कर रही है। उधर किन्नरों की तृतीयपंथ वर्ग की नेता मोगराबाई किन्नर ने इस घटना की निंदा की है। मोगराबाई किन्नर ने चेतावनी दी है कि पुलिस को उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो उन्हें पीटते हैं, अन्यथा पूरे महाराष्ट्र के तृतीय पंथी जलगांव जमोद में इकट्ठा होंगे और इस भीड़ को सबक सिखाएंगेबता दें कि बुलढाणा जिले में मध्य प्रदेश की सीमा से लगे तहसील में बाल अपहरण गिरोह सक्रिय होने की चर्चा है। इस इलाके में माता-पिता और बच्चों में डर का माहौल है।
सांगली जिले में बच्चा चोर होने के संदेह में भीड़ ने चार साधुओं को पीटा
इससे पहले सांगली जिले में बच्चा चोर होने के संदेह में भीड़ ने चार साधुओं पर हमला कर दिया था। पुलिस ने मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए 18 से 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। दरअसल चा साधु एक वाहन से सोलापुर जिले के पंढरपुर जा रहे थे।रास्ता भटकने के बाद, वे लवंगा गांव के पास एक बिजलीघर स्टेशन के निकट एक लड़के के पास पहुंचे। वह लड़का कन्नड़ के अलावा और कोई भाषा नहीं जानता था। वह उनका चेहरा देखकर डर गया और ‘चोर-चोर’ चिल्लाने लगा। इससे कुछ स्थानीय लोगों को संदेह हुआ कि वे बच्चों का अपहरण करने वाले आपराधिक गिरोह का हिस्सा हैं। यह जानकर गांव के लोग वहां जमा हो गए और साधुओं को पकड़ लिया।
दोनों पक्षों के बीच कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते बढ़ गई और स्थानीय लोगों ने साधुओं को कथित तौर पर लाठियों से पीट दिया। पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची तो पाया कि साधु उत्तर प्रदेश के एक अखाड़े के सदस्य हैं और गलतफहमी की वजह से यह घटना हुई। साधुओं ने मामले को आगे नहीं बढ़ाया और वहां से चले गए। पुलिस ने घटना के वीडियो के आधार पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया।