मुंबई: RBI द्वारा 2000 का नोट वापस लेने पर विपक्षी राजनेताओं की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है। नोट वापस लेने के फैसले पर महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। एनसीपी के नेता अजित पवार ने कहा कि हजार और 500 कि नोट जब बंद हुई उस वक्त लोगों ने काफी कुछ सहन किया था। लोगों को भी उस वक्त लगा था कि बड़े पैमाने पर काला धन बाहर आएगा। महाराष्ट्र विधानसभा ने आगे कहा कि डुप्लीकेट नोट भी मार्केट में आती है और दुश्मन राष्ट्र के तरफ से भी मुश्किलें पैदा की जाती है। इसलिए लोगों ने तब ये उम्मीद की ये सारी समस्याएं दूर होंगी और इसीलिए लोगो ने सबकुछ सहन किया। लोग धूप में लाइनों में पूरा दिन खड़े रहे है।
तीन महीने का वक्त- अजित पवार
अजित पवार ने कहा कि और अब फिर 2000 की नोट बंद करने का निर्णय लिया गया है। ये निर्णय मई में लिया गया है यानी सितम्बर में ये नोट बंद होंगी और बीच में तीन महीने का वक्त है और इस बीच इन तीन महीनों में लोगों को तकलीफ होगी ऐसा तो नहीं लगता है। लेकिन ये फैसला RBI ने क्यों लिया है केंद्र सरकार ने क्यों नहीं लिया ? ये बात सोचने वाली है। अजित ने आगे कहा कि देश की अखंडता के लिए सुरक्षा के लिए भारत की जनता ने विरोध किया हो ऐसा मैनें आज तक देखा नहीं है।
RBI ने लिया था फैसला
बता दें कि कल यानी 19 मई को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपये के नोट वापस लेना का बड़ा फैसला लिया है। साथ ही आरबीआई ने यह भी साफ किया है कि 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर के तौर पर जारी रहेगा। RBI ने सभी बैंकों को कहा कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये के के नोट जारी करना बंद करें। RBI ने बैंकों को ये भी निर्देश दिए हैं कि 30 सितंबर इन नोटों को बदलते रहें, एक बार 20 हजार रुपए तक ही नोट बदल सकेंगे।