नागपुर: पिछले कुछ समय से देश में ऑनलाइन गेम खेलने का चलन खूब बढ़ गया है। बच्चों से लेकर बड़ों तक ऑनलाइन गेम के पीछे दीवाने हुए बैठे हैं। इसके साथ ही इस गेमों में पैसे भी लगाए जाते हैं। इनके प्रचलन के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि यहां आपको चंद मिनटों में लाखों रुपए जीतने का भरोसा दिलाया जाता है। लेकिन सच्चाई इससे कुछ अलग ही होती है।
महाराष्ट्र के नागपुर में ऑनलाइन गेम के नाम पर सट्टा लगाने और ज्यादा मुनाफा का लालच लेकर नागपुर सहित विदर्भ में व्यापारियों को ठगा गया है। डायमंड एक्सचेंज नाम से चलाए जाने वाले इस गेम को मैनुपुलेट किया जाता था और ये किसी एप के ज़रिये नहीं बल्कि अपने हिसाब से चलाया जा रहा था। इस खेल को चलाने वाले दुबई में बैठे थे और वहीं से इस गेम को हैंडल कर व्यापारियों से करोड़ो रुपये वसूल रहे थे।
कैसे हुआ खुलासा?
दरअसल इस मामले में नागपुर पुलिस को विक्रांत अग्रवाल नाम के एक व्यापारी ने शिकायत की। उसने पुलिस को बताया की नवंबर 2021 से लेकर 2023 के दौरान उसके साथ ठगी की गई और एप के नाम पर 58 करोड़ रूपये से ज्यादा की धोखाधड़ी की गई है। इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर महाराष्ट्र के गोंदिया में नागपुर पुलिस ने छापा मारा। इस छापे में पुलिस के हाथ लगा, उसे देखकर पुलिस भी चकित हो गई। पुलिस को भी इस बात का अंदेशा नहीं था की ये इतना बड़ा मामला होगा। पुलिस को छापे के दौरान 10 करोड़ से ज्यादा की कैश और 4 किलो सोने के बिस्किट बरामद हुए है। इसके साथ ही पुलिस ने इनके लॉकर से 17 करोड़ रुपये और जब्त किए।
फरार हो गया आरोपी
इस मामले का मुख्य आरोपी सोंटू जैन महाराष्ट्र के भंडारा से फरार होकर दुबई चला गया था। जिसके बाद उसने कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए आवेदन किया और कोर्ट ने उसे जमानत दे दी। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अंतरिम जमानत की याचिका लगायी लेकिन नामंजूर होने की जानकारी मिलते ही ठग सोंटू जैन अचानक होटल से लापता हो गया। इस दौरान पुलिस को इस बात की भनक भी नहीं लगी। सोंटू जैन जानता था कि अदालत में फैसला किसी भी पक्ष में जा सकता है। इसलिए उसने पहले ही भगाने का प्लान बना रखा था। सुनवाई शुरू होने के पहले ही वह फिल्मी स्टाइल में अपने होटल से फरार हो गया। अब पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।