Thursday, January 09, 2025
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अधिकारी ने किया 2 बच्चों के नियम का उल्लंघन, रिटायरमेंट से ठीक पहले सेवा से बर्खास्त

महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ नगर निकाय के सहायक आयुक्त श्रीनिवास डांगट को तीसरे बच्चे के बारे में जानकारी छिपाने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। यह कार्रवाई उनके रिटायरमेंट से एक महीने पहले हुई।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Jan 09, 2025 7:06 IST, Updated : Jan 09, 2025 8:14 IST
Maharashtra, Maharashtra News, MaharashtraTwo-child Norm
Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL महाराष्ट्र में एक अधिकारी को रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

पुणे: महाराष्ट्र में एक अधिकारी को कथित तौर पर 2 बच्चों के नियम का उल्लंघन करने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूबे के पिंपरी चिंचवाड़ नगर निकाय के सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारी श्रीनिवास डांगट को अपने तीसरे बच्चे के बारे में जानकारी छिपाने का कथित तौर पर दोषी पाए जाने पर नौकरी से हाथ धोना पड़ा। अधिकारी को महाराष्ट्र सिविल सेवा नियमावली के तहत 2 बच्चों के नियम के कथित उल्लंघन का दोषी पाया गया। खास बात यह है कि डांगट पर यह कार्रवाई उनके रिटायरमेंट से ठीक एक महीने पहले की गई।

‘तीसरे बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं छुपाई’

PCMC के आयुक्त शेखर सिंह ने PCMC के सामाजिक विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्रीनिवास डांगट को बर्खास्त करने का आदेश 7 जनवरी को जारी किया था। डांगट ने बुधवार को यह दावा किया कि उन्होंने अपने तीसरे बच्चे के बारे में कभी कोई जानकारी छुपाई नहीं और वह अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ संबंधित प्राधिकृत अधिकारी के पास अपील करेंगे। आदेश में यह कहा गया कि डांगट को महाराष्ट्र सिविल सेवा (छोटे परिवार की घोषणा) नियम, 2005 के तहत दो बच्चों के नियम का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया। PCMC अधिकारियों के मुताबिक, डांगट के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद आंतरिक जांच की गई।

PCMC में बतौर लिपिक शुरू की थी नौकरी

आदेश में यह कहा गया कि डांगट, जो 2013 में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे, को महाराष्ट्र सिविल सेवा (छोटे परिवार की घोषणा) नियम, 2005 के तहत एक हलफनामा देना आवश्यक था, लेकिन लगातार याद दिलाने के बावजूद उन्होंने वह हलफनामा नहीं जमा किया, जिसके कारण नगर निकाय ने उनके खिलाफ जांच शुरू की। डांगट ने 1989 में PCMC में लिपिक के रूप में काम करना शुरू किया था और 2013 में परीक्षा पास कर प्रशासनिक अधिकारी बने। इसके बाद उन्हें सहायक आयुक्त के पद पर प्रमोशन दिया गया। डांगट ने यह दावा किया कि उन्होंने 2011 में अपने तीसरे बच्चे के जन्म के बारे में नगर निकाय को सूचित किया था।

‘मैंने 2021 में सभी आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत किए थे’

डांगट ने कहा, ‘मैंने 2011 में अपने तीसरे बच्चे के जन्म की जानकारी नगर निगम को दी थी, और PCMC के पास इसका रिकॉर्ड मौजूद है। मैंने कभी भी तीसरे बच्चे की जानकारी छुपाई नहीं। इसके अलावा, 2 बच्चों का मानदंड 2006 में प्रभावी हुआ था, जबकि मेरे 2 बच्चे 2005 से पहले पैदा हुए थे। मैंने 2021 में जांच समिति के सामने सभी आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत किए थे। अब 4 साल बाद मेरी सेवा समाप्त कर दी गई है, जबकि मैं इस साल फरवरी में रिटायर होने वाला था। मैं इस आदेश के खिलाफ PCMC आयुक्त के पास अपील करूंगा और उचित प्राधिकारी से न्याय की मांग करूंगा।’

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