मुंबई की साक़ीनाका पुलिस ने दो विदेशी नागरिकों को 9 करोड़ रुपये को कोकेन के साथ गिरफ़्तार किया है। गिरफ़्तार किए गए आरोपियों के नाम डैनियल नायमेक जिसकी उम्र 38 साल है और ये अफ़्रीकन देश का नागरिक है और दूसरे आरोपी का नाम जोयेश रामोष है जिसकी उम्र 20 साल है और वो वेनिजुवेला देश का नागरिक है।
बॉडी लैंग्वेज से हुआ शक
मुंबई पुलिस के जोन 10 के डीसीपी दत्ता नालावड़े ने बताया की 6 जनवरी की रात को साक़ीनाका पुलिस के अधिकारी पेट्रोलिंग कर रहे थे। इस दौरान साक़ीनाका इलाक़े में स्थित एक होटल से एक अफ़्रीकन नागरिक निकलता हुआ दिखाई दिया। यह बड़ी जल्दीबाज़ी में सड़क पार करके ऑटो में बैठकर निकलने कर तैयारी कर रहा था। उसके हाव भाव को देखकर दो पुलिसवालों को उसपर शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने उसे रुकने के लिए कहा लेकिन उसने आवाज को अनसुना करते हुए वहां से भागने का प्रयास किया। इसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों ने ऑटो रुकवाया।
सूत्रों ने बताया जब ऑटो रुकवाया तो आरोपी बहस करने लगा। इसके बाद जब उसे पकड़ने की कोशिश की तो उसने पुलिस के साथ हाथापाई करने लगा। लेकिन इस दौरान दूसरे पुलिसवाले भी वहां पहुंचे और फिर आरोपी को क़ाबू में किया गया। जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से पुलिस को 88 प्लास्टिक की कैप्सूल मिली जिसमे हाई क्वालिटी का कोकेन ड्रग्स था। पुलिस ने आगे बताया की इतने ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में क़ीमत क़रीबन 9 करोड़ रुपये है।
विदेश से पेट में छिपाकर लाया गया था ड्रग्स
नालावड़े ने आगे बताया की उस आरोपी से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया की यह ड्रग्स उसने होटल में उसके दूसरे साथी से ली। इसके बाद पुलिस की एक टीम ने उस होटल में छापेमारी की और दूसरे आरोपी को गिरफ़्तार किया। गिरफ़्तारी के बाद दूसरे आरोपी ने बताया कि उसे कहा गया था की उसे ये ड्रग्स कैप्सूल के फॉर्म में मिलेगा। जिसे उसे निगलना है और भारत में जाकर उल्टी कर उसे बाहर निकालकर डिलीवर करना है। जिसके लिये उसे मोटी रक़म भी मिली।
पूछताछ में आरोपी ने बताया की उसने इथोपियन एयरलाइंस की फ़्लाइट ब्राज़ील से 1 जनवरी को ली। और फिर जब उसने दूसरी कनेक्टिंग फ़्लाइट अदिस अबाबा से लेनी थी। उससे पहले उसे किसी ने ये सारा ड्रग्स दिया जिसे उसने निगल लिया और पेट में स्टोर कर लिया। यहां भारत में आकर उसने उल्टी की और सारा ड्रग्स बाहर निकाला और फिर उसे दूसरा आरोपी को हैंडओवर किया।
विदेशी ड्रग्स पेडलर को भारतीयों पर विश्वास नहीं
पुलिस ने बताया की ऐसा कई बार हुआ है जब भी ये विदेशी मूल के ड्रग पेडलर या सप्लायर पकड़े गये है तब तब उसके पीछे भारतीय मूल खबरी की बात उनके सामने आई है। इसी वजह से वे लोग स्थानीय भाषा सीखते हैं ताकि वो स्थानीय ग्राहकों से ख़ुद बात कर सके और ड्रग्स का सौदा कर सके। उन्हें भारतीय लोगों पर इस धंधे को लेकर भरोसा नहीं है। इसलिए वह इसमें विदेशी नागरिकों का ही सितेमाल करते हैं।