मुंबई: महाराष्ट्र में विभिन्न मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व में किसानों और श्रमिकों द्वारा रविवार को नासिक जिले के डिंडोरी शहर से मुंबई तक पैदल मार्च शुरू किया गया। आयोजकों ने कहा कि प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), कृषि उपज के लिए उचित मूल्य, किसानों के लिए बिजली बिल माफी, वन भूमि अधिकार और बेमौसम बारिश के कारण फसलों के नुकसान के लिए मुआवजा की मांग जल्द से जल्द पूरी करने को लेकर हजारों किसान और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक “लॉन्ग मार्च” में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कई मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आशा कार्यकर्ता और जनजातीय समुदाय के लोग भी मार्च में शामिल हैं।
नासिक शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर डिंडोरी से दोपहर 12 बजे शुरू हुए मार्च का नेतृत्व पूर्व विधायक जे.पी.गावित कर रहे हैं। मार्च में शामिल लोगों के हाथ में माकपा के लाल झंडे और तख्तियां थी जिसपर लिखा था-प्याज के लिए समर्थन मूल्य दो। गावित ने कहा, “हालांकि राज्य और केंद्र में माकपा सत्ता में नहीं है, लेकिन हम लोगों के समर्थन से लोगों की समस्याओं के लिए लड़ रहे हैं। हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे आम जनता को परेशानी हो।”
आयोजकों ने कहा कि नासिक शहर पहुंचने के बाद मार्च में शामिल लोग महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (एमयूएचएस) के सामने मैदान में रात को रुकेंगे। उन्होंने कहा कि जिला पालक मंत्री दादा भुसे आज शाम मार्च के आयोजकों और अन्य प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने वाले हैं। नासिक और मुंबई के बीच की दूरी लगभग 170 किलोमीटर है।
सरकार से की गईं हैं ये 14 मांगे
प्याज पर 600 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी दें। प्याज निर्यात की सभी संभावनाएं तलाश कर थोक में प्याज का निर्यात करें। 2000/- के न्यूनतम मूल्य पर नाफेड के माध्यम से थोक में प्याज खरीदें।
वर्षों से जमीन जोतनेवाले जिन आदिवासियों के कब्जे में 4 हेक्टेयर तक की वन भूमि है 7/12 पर उनके नाम पर जमीन करें। आदिवासियों के अपात्र दावों को स्वीकृत करें।
किसानों की कृषि के लिए आवश्यक बिजली दिन में लगातार 12 घंटे उपलब्ध कराकर उनके अतिरिक्त बिजली बिल माफ करें।
किसानों का पूरा कृषि ऋण माफ कर किसानों का 7/12 क्लियर करें।
बेमौसम बारिश और साल भर जारी रहने वाली प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल क्षति के लिए एनडीआरएफ से तत्काल मुआवजा दें। फसल बीमा कंपनियों की लूट पर अंकुश लगाएं और फसल बीमा धारकों को नुकसान की भरपाई के लिए कंपनियों को मजबूर करें।
बेबी गोंद की फसल के लिए कम से कम 250 रुपये प्रति किलो का गारंटीकृत मूल्य देकर बेबी गोंद की सरकारी खरीद योजना जारी रखें। 2020 के प्राकृतिक चक्रवाती बारिश के दौरान गोंद फसल की क्षति के पंचनामा के आधार पर किसानों को मुआवजे का तत्काल भुगतान हो।
दूध के निरीक्षण के लिए इस्तेमाल होने वाले दूध के मीटरों और तौल कांटे के नियमित निरीक्षण के लिए एक स्वतंत्र प्रणाली स्थापित करें। मिल्कोमीटर निरीक्षक नियुक्त करें। दूध के लिए एफआरपी और रेवेन्यू शेयरिंग पॉलिसी लागू करें। गाय के दूध का न्यूनतम मूल्य 47 रुपये और भैंस के दूध का न्यूनतम मूल्य 67 रुपये दें।
सोयाबीन, कपास, अरहर और चने की फसल के दाम गिराने की साजिश बंद करें।
केरल की तर्ज पर हाईवे प्रभावित किसानों को मुआवजा दें। उचित पुनर्वास करें। नवी मुंबई हवाईअड्डा परियोजना पीड़ितों का समुचित पुनर्वास।
2005 के बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करें। समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों को भी वेतनमान लागू करें। आंशिक रूप से सहायता प्राप्त विद्यालयों को शत-प्रतिशत अनुदान दें।
मौजूदा महंगाई को देखते हुए गरीब किसानों, खेतिहर मजदूरों, मजदूरों, झुग्गी-झोंपड़ी वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना की सब्सिडी 1 लाख 40 हजार से 5 लाख करें और वंचित गरीब लाभार्थियों का एक नया सर्वेक्षण करें और उनके नाम सूची 'डी' में शामिल करें।
महाराष्ट्र के वरिष्ठ नागरिकों और अन्य लोगों के लिए लागू वृद्धावस्था पेंशन और विशेष वित्तीय सहायता योजना की राशि को कम से कम 4000 रुपये तक बढ़ाएं।
हर महीने राशन कार्ड पर मुफ्त अनाज के साथ अनाज की बिक्री फिर से शुरू करें।
सरकारी नौकरियों में रिक्तियों को भरें, केकॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों को नियमित कर मजदूरी दर बढ़ाकर 26000 रुपये करें।
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