मुंबई: शरजील उस्मानी के भड़काऊ भाषण को लेकर सियासत गरम हो चुकी है। राज्य बीजेपी इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर फौरन शरजील उस्मानी की गिरफ्तारी की मांग की जिसके बाद उद्धव ठाकरे सरकार ने तुरंत बयान जारी कर दिया। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व छात्र शरजील को गिरफ्तार किया जाएगा, चाहे वह किसी भी राज्य में हो। उन्होंने कहा कि पुलिस 30 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम के वीडियो की जांच कर रही है और उत्तर प्रदेश निवासी उस्मानी के खिलाफ उसकी कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुणे पुलिस ने एएमयू के पूर्व छात्र उस्मानी के खिलाफ मंगलवार को भारतीय दंड संहिता की धारा-153(ए) (धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों में द्वेष पैदा करने आदि) के तहत मामला दर्ज किया है।
महाराष्ट्र में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने अपने भाषण के जरिये कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोपी उस्मानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। देशमुख ने ट्वीट किया, ‘‘पुलिस ने 30 जनवरी को पुणे में एल्गार परिषद के कार्यक्रम के वीडियो क्लिप की जांच की है और शरजील उस्मानी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए प्राथमिकी दर्ज की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह इस समय महाराष्ट्र में नहीं है लेकिन हम उसे गिरफ्तार करेंगे, चाहे वह बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात या किसी भी राज्य में हो।’’
अधिकारी ने बताया कि इससे पहले बीजेपी युवा मोर्चा के स्थानीय नेता प्रदीप गवडे ने उस्मानी के खिलाफ पुणे के स्वरगेट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस बीच, महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उस्मानी की गिरफ्तारी करने में मदद मांगी है। मीडिया में जारी पत्र में पाटिल ने आदित्यनाथ से मांग की है कि वह अपने राज्य के अधिकारियों को एएमयू के पूर्व छात्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दें।
पाटिल ने इस पत्र में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भी इस मामले को लेकर आलोचना की है। उन्होंने पत्र में लिखा, शरजील उस्मानी ने 30 जनवरी को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में कथित तौर पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया, हम आपसे (योगी आदित्यनाथ) से अपील करते हैं कि आप उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने एवं गिरफ्तार करने का आदेश दें।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि देश में नजीर पेश हो एवं कोई अन्य भविष्य में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने की हिम्मत नहीं कर सके।’’ पाटिल ने कहा कि उस्मानी का भाषण देशद्रोह की प्रकृति का था। उन्होंने कहा, ‘‘उस्मानी ने नफरत फैलाने के इरादे से यह भाषण दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य संवैधानिक संस्थानों के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल देशद्रोह से कम नहीं है।’’ पाटिल ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र की 12.5 करोड़ जनता इस बात को मान चुकी है कि उद्धव ठाकरे की सरकार उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी क्योंकि इस घटना को हुए पांच दिन बीत चुके हैं।’’
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