Tuesday, November 26, 2024
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महाराष्ट्र के गर्वनर ने छात्रों की नींद को लेकर जताई चिंता, बोले- स्कूल के समय में हो बदलाव, टीचर्स को दिए सुझाव

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने कहा कि हाल के दिनों में लोगों के नींद लेने का समय परिवर्तित हुआ है। इन दिनों बच्चे आधी रात तक जागते हैं और उन्हें स्कूल के लिए जल्दी उठना पड़ता है, जिससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: December 07, 2023 8:40 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने छात्रों की नींद पूरी नहीं होने पर चिंता जताई है। इसे लेकर उन्होंने स्कूल के समय में बदलाव का सुझाव दिया है। राज्यपाल ने मंगलवार को राज्य शिक्षा विभाग के एक कार्यक्रम में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हाल के दिनों में लोगों के नींद लेने के समय में परिवर्तित हुआ है। उन्होंने कहा कि एक लोकप्रिय कहावत है कि जल्दी सोना और जल्दी उठना, किसी व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है। 

स्कूलों की रैंकिंग करने का आह्वान

राज्यपाल ने आगे कहा कि इन दिनों बच्चे आधी रात तक जागते हैं और उन्हें स्कूल के लिए जल्दी उठना पड़ता है, जिससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। राज्यपाल ने कहा,''मैं अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करूंगा कि विद्यार्थी सुबह पर्याप्त नींद ले सकें, उन्हें स्कूल का समय बदलने पर विचार करना चाहिए।'' उन्होंने स्कूलों और शिक्षा अधिकारियों से इस पहलू पर ध्यान देने के अलावा पुस्तक-रहित स्कूलों, ई-कक्षाओं को बढ़ावा देने और छात्र समुदाय पर शिक्षा के बोझ को कम करने के लिए उनकी गुणवत्ता के मुताबिक स्कूलों की रैंकिंग करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में सीएम शिंदे भी रहे मौजूद

राज्यपाल रमेश बैस ने राजभवन में स्कूल शिक्षा विभाग की विभिन्न पहलों के शुभारंभ के मौके पर ये बातें कहीं। उन्होंने जब ये बातें कहीं तो कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मंत्री दीपक केसरकर, मंगल प्रभात लोढ़ा और गिरीश महाजन के अलावा प्रमुख सचिव शिक्षा रणजीत सिंह देयोल भी मौजूद थे। बृहन्मुंबई नगर निगम की ओर से संचालित नए स्कूल भवनों का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने संयुक्त रूप से माई स्कूल, ब्यूटीफुल स्कूल, स्टोरी-टेलिंग सैटरडे, एंजॉयेबल रीडिंग, एडॉप्ट स्कूल एक्टिविटी, माई स्कूल, माई बैकयार्ड और क्लीननेस मॉनिटर जैसी पहल की शुरुआत की।

पब्लिक लाइब्रेरी को लेकर कही ये बात

इसके अलावा राज्यपाल ने इस बात पर भी दुख जताया कि राज्य में सैकड़ों पब्लिक लाइब्रेरी हैं, लेकिन ज्यादातर पुराने हैं, इसलिए उन सभी को पुनर्जीवित करने और परिसर में कंप्यूटर और इंटरनेट प्रदान करके 'लाइब्रेरी एडॉप्शन' शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने आग्रह किया कि यह आवश्यक था, क्योंकि छात्र न सिर्फ किताबों के जरिए बल्कि इंटरनेट, सोशल मीडिया और अन्य स्रोतों से भी अपना ज्ञान प्राप्त करते हैं, जो उनके आईक्यू लेवल को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, इसलिए शिक्षकों को भी शैक्षणिक मामलों में नई चीजों को सीखते रहना चाहिए।

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