फिल्म ‘द केरल स्टोरी' के निर्माताओं ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा से मुलाकात की। इस बीच, मंगल प्रभात लोढ़ा ने इंडिया टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मैंने ये फिल्म देखी है, जो वास्तविकता के नजदीक है। उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ जो षड्यंत्र होती है और विदेशी ताकतें जिस तरह से भारत में आतंकवाद को फैलाती है। आतंकवाद का दूसरा रूप इस फिल्म में उजागर होता है।
उन्होंने कहा, "मैं सर्वाजनिक तौर से निर्माता-निर्देशक, अभिनेता-अभिनेत्री सभी का अभिनंदन करना चाहता हूं और सभी से आह्वान करूंगा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को ये फिल्म को देखनी चाहिए। ये सामाजिक कुरीतियों को दूर करने वाली फिल्म है। इस तरह की फिल्म का स्वागत होना चाहिए।"
"जो प्रसिद्धि मिल रही, वो भी एक जवाब"
फिल्म पर एनसीपी की प्रतिक्रिया को लेकर उन्होंने कहा, "उनकी बातों का जवाब नहीं देना चाहता, फिल्म अपने आप में एक जवाब है। फिल्म को जो प्रसिद्धि मिल रही है, वो भी एक जवाब है। ये फिल्म आने वाले समय में महिलाओं को और सारे समाज को इस बात के लिए आग्रह करेगी कि छिपे हुए इस षड्यंत्र की बलि नहीं चढ़नी है।" पश्चिम बंगाल में बैन को लेकर उन्होंने कहा, "ये महाराष्ट्र है। ये छत्रपति शिवाजी का महाराष्ट्र है, यहां पर बैन लगाने की बात सोची भी नहीं जा सकती। ऐसे विषयों को लेकर यहां पर केवल स्वागत की बात सोची जा सकती है।"
फिल्म देखने थिएटर पहुंचे फडणवीस
वहीं, खबर है कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आज मंगलवार की रात 9:30 बजे नागपुर में फिल्म 'द केरल स्टोरी' देखने पहुंचे। उनके साथ बीजेपी के कई नेता और महिला विंग की कई नेता भी इस फिल्म को देखने पहुंचीं। नागपुर के वीआर मॉल में उन्होंने यह फिल्म देखी। फिल्म देखने से पहले देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह फिल्म नहीं है, बल्कि जागरण की मुहिम है।