मुंबई: शिवसेना ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी के सहयोगियों में कोई मतभेद नहीं है और कहा कि अगर गठबंधन सरकारें कुछ स्थानांतरणों और पदोन्नतियों पर विवाद के चलते गिरने लगे तो इससे संकेत जाता है कि राष्ट्रीय राजनीति की बुनियाद कमजोर है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया कि कुछ स्थानांतरणों एवं पदोन्नतियों के मुद्दे के ऊपर हो रही राजनीति ‘‘तुच्छ” एवं “निचले स्तर” की है।
इसमें कहा गया कि सत्तारूढ़ गठबंधन साझेदारों के बीच समन्वय के अभाव को लेकर लगाई जा रही अटकलों में ‘‘कोई सच्चाई” नहीं है और कहा कि वे कई अहम मुद्दों पर जरूरी नहीं कि सहमत हों। मीडिया की कुछ खबरों में दावा किया गया कि मुंबई में 10 पुलिस अधिकारियों के हाल में स्थानांतरण और अहमदनगर जिले के पारनेर में शिवसेना के पांच पार्षदों का पिछले हफ्ते शरद पवार नीत पार्टी में शामिल हो जाने को लेकर शिवसेना और राकांपा के बीच तनाव है।
शिवसेना ने बुधवार को कहा, “अगर शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अक्सर मिलते हैं तो इसमें खास क्या है। ठाकरे सरकार उनके प्रयासों के कारण बनी है। पवार किसानों, सहकारी क्षेत्र के मुद्दों पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करते हैं।” मराठी दैनिक ने कहा, “अगर गठबंधन सरकार दो-तीन स्थानांतरण और पदोन्नति पर विवाद को लेकर गिरने लगे तो यह इस बात का संकेत है कि राष्ट्रीय राजनीति कमजोर बुनियाद पर है। एमवीए सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है।”
शिवसेना ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए दावा किया कि यह कहना कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख और पवार स्थानांतरण विवाद को लेकर ठाकरे को शांत करने के लिए मिले थे, यह “मानसिक भ्रम का संकेत है उन लोगों का जो यह कहते और लिखतें हैं”।