Wednesday, December 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. महाराष्ट्र
  3. महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ एक्शन शुरू, देवेंद्र फडणवीस बोले- 'सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है'

महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ एक्शन शुरू, देवेंद्र फडणवीस बोले- 'सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है'

महाराष्ट्र में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ एक्शन शुरू हो चुका है। दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने अवैध रूप से राज्य में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। बता दें कि राज्य में ऐसे लोगों के लिए डिटेंशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है।

Reported By : Saket Rai Edited By : Avinash Rai Published : Dec 24, 2024 16:40 IST, Updated : Dec 24, 2024 16:40 IST
Maharashtra government Action started against illegal Bangladeshis Devendra Fadnavis said this
Image Source : INDIA TV महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ एक्शन शुरू

महाराष्ट्र के विधानसभा सत्र में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अवैध रूप से भारत में रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर सरकार का रुख साफ कर दिया है। एक तरफ जहां राज्य में अवैध रूप से रहने वाले नागरिकों के लिए डिटेंशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा तो वहीं सरकार की भूमिका है कि ऐसे सभी अवैध नागरिकों को डिपोर्ट किया जाए। इसे लेकर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, सरकार की भूमिका बिल्कुल साफ है। ऐसे सभी बांग्लादेशी नागरिक जो भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं उन्हें खोजने और  उन्हें डिपोर्ट करना ही सरकार की भूमिका है और हमने इस काम की शुरुआत भी कर दी है। इसी तर्ज पर बीते दिनों मुंबई, नवी मुंबई, धुले, भिवंडी और राज्य के अन्य इलाकों में पुलिस द्वारा जमकर कार्यवाही की जा रही है। 

महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशियों पर एक्शन शुरू

बता दें कि बीते दिनों मुंबई की कफ परेड पुलिस ने एक ऐसे बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया था, जो 34 साल पहले मुंबई में डंकी रूट के जरिए दाखिल हुआ था। सूत्रों ने बताया कि आरोपी बांग्लादेशी नागरिक है जो चटगांव का रहने वाला है। उसका नाम मोइन हयात बादशाह शेख साल है। महज 17 साल की उम्र में अवैध रूप से वह भारत में घुसा था। तब से वह भारत और बांग्लादेश के बीच कई बार आवाजाही कर चुका है। पुलिस ने बताया कि एंटी टेररिस्ट सेल (ATC) को जानकारी मिली थी कि एक बांग्लादेशी नागरिक यहां दक्षिण मुंबई में कई साल से रह रहा है। इसके बाद डीसीपी जोन-1 प्रवीण मुंढे ने एक टीम बनाई। इस टीम ने जांच के बाद मोइन को हिरासत में ले लिया। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी डंकी रूट से भारत आया था और इसके पास अब भारत का वोटर आईडी भी है, जिसका इस्तेमाल कर उसने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान भी किया था। 

बांग्लादेशियों के पास भारत के दस्तावेज

इतना ही नहीं, शेख के पास से पुलिस को इंडिया का आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला है। जांच में पता चला कि शेख 1990 में जब पहली बार मुंबई आया था, तब से मुंब्रा, कुर्ला, गोवंडी और परेल में बच्चों को उर्दू और कुरान पढ़ाना शुरू किया। हालांकि, उसके पास पासपोर्ट नहीं है। शेख कफ परेड के अंबेडकर नगर में एक घर का मालिक भी है, जहां वह अपने परिवार के साथ रहता है। वह आखिरी बार 2021 में बांग्लादेश गया था। पुलिस को ऐसे कई मामले मिले हैं, जिनमें न केवल आरोपियों के पास से भारत के दस्तावेज बरामद हुए हैं बल्कि वे कई बार उन दस्तावेजों की मदद लेकर विदेश यात्रा भी कर चुके हैं।

नितेश राणे बोले- बांग्लादेशी रोहिंग्या देश के लिए खतरा

राज्य सरकार में मंत्री नितेश राणे लंबे समय से अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई करने की मांग करते रहे हैं। ऐसे में उनका कहना है कि बांग्लादेशी रोहिंग्या देश के लिए खतरा हैं और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। अधिकारियों के अनुसार, भारत में न्यायिक प्रक्रिया में बांग्लादेशी नागरिकों को दोषी ठहराने और उनकी सजा पूरी होने के बाद उन्हें निर्वासित करने में कम से कम एक दशक लग जाता है। अवैध अप्रवासी इस लंबी प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए कई सालों से भारत में रह रहे हैं और जाली दस्तावेजों, ख़ास तौर पर आधार कार्ड के ज़रिए सरकारी योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं। अवैध प्रवासी बड़ी ही आसानी से आधार कार्ड बनवा लेते हैं लेकिन जांच एजेंसियों को उन्हें कैंसल करवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है और यह एक लंबी प्रक्रिया है, जिसकी वजह से वे आधार कार्ड का सहारा लेकर अन्य डॉक्यूमेंट बनवा लेते हैं। 

क्या बोले डीसीपी अमित काले

इंडिया टीवी से बात करते हुए नवी मुंबई क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित काले ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के आधार पर भी बांग्लादेशियों पर कार्रवाई हो रही है। हम इस मामले में उस एजेंट को भी आरोपी बनाएंगे जो नकली दस्तावेज बनाने में आरोपियों की मदद करता है। ज्यादातर पश्चिम बंगाल की तरफ से डॉक्यूमेंट बनाए जाते हैं और आधार कार्ड बनाने के लिए जाली दस्तावेज दिए जाते हैं और एक बार आधार कार्ड बन गया तो उसका आधार लेकर अन्य डॉक्यूमेंट बनाए जाते हैं। पिछले एक सप्ताह में हमने 55 ऐसे लोगों को आईडेंटिफाई किया है और उनका वेरिफिकेशन चल रहा है, जिनमें से 10 लोग बांग्लादेश के हैं। ऐसी पुष्टि हमारी जांच में हुई है कानूनी प्रक्रिया के साथ-साथ हमने उनके डिपोर्टेशन का प्रोसेस भी शुरू कर दिया है ताकि उन्हें जल्द से जल्द वापस भेजा जा सके।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें महाराष्ट्र सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement