Maharashtra News: महाराष्ट्र में शिंदे फणनवीस सरकार स्थापना के बाद पहली बार बड़ी संख्या में आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर हुआ है। 104 अधिकारियों को नई जगह पोस्टिंग मिली है और 9 अधिकारी अभी भी वेटिंग में हैं। कुल 113 अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अभिनव देशमुख, एम रामकुमार, अनिल परासकर, मनोज पाटिल, अमोघ गांवकर, तेजस्वी सतपुते और गौरव सिंह को मुंबई पुलिस में ट्रांसफर किया गया है। डीसीपी अकबर पठान मुंबई पुलिस बल में लौट आए हैं। बता दें कि मरीन ड्राइव पुलिस थाने ने पठान, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, चार अन्य पुलिस अधिकारियों और दो अन्य के खिलाफ जबरन वसूली की एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पठान का ट्रांसफर नासिक में नागरिक अधिकार निवारण शाखा में किया गया है।
जब से बनी सरकार, तब से बदले जा रहे उद्धव सरकार के फैसले
बता दें कि महाराष्ट्र में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है, तब से नई शिंदे सरकार पुरानी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार के फैसले बदल रही है। पिछली सरकार के कई फैसलों पर रोक लगाई जा चुकी है तो कई फैसले बदले जा चुके हैं। बीते अक्टूबर में शिंदे सरकार ने उद्धव सरकार का एक और फैसला बदल दिया था। शिंदे सरकार ने महाविकास अघाड़ी के कई नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली थी।
महाराष्ट्र सरकार ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के 25 नेताओं के ‘वर्गीकृत’ सुरक्षा कवर को हटा दिया था। यानी इन नेताओं को अपने घरों या एस्कॉर्ट के बाहर स्थायी पुलिस सुरक्षा नहीं होगी।
सीएम उद्धव को मिलती रहेगी सुरक्षा
अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा स्थिति का आंकलन करने के बाद उनके वर्गीकृत सुरक्षा कवर को हटाया गया था। हालांकि इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सुरक्षा को बरकरार रखा गया था। उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के सदस्यों, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और उनकी बेटी एवं लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले सहित उनके परिजनों की सुरक्षा बरकरार रखी गई है, वहीं जयंत पाटिल, छगन भुजबल और जेल में बंद अनिल देशमुख जैसे नेताओं की सुरक्षा को वापस ले लिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड की सुरक्षा यथावत रखी गई है, जबकि शिवसेना (यूबीटी) के सचिव मिलिंद नार्वेकर (उद्धव ठाकरे के एक विश्वसनीय सहयोगी) को ‘वाई-प्लस-सुरक्षा’ कवर दिया गया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार और पूर्व गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल (दोनों राकांपा) को ‘वाई-प्लस-एस्कार्ट’ दिया गया है।’’