महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने फेयरप्ले मामले की जांच के दौरान पहली गिरफ्तारी की है। फेयरप्ले पर अवैध रूप से आईपीएल 2023 को ब्रॉडकास्ट करने का आरोप है। इस मामले में पुलिस ने अब पहली गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार शख्स का नाम गुलाम अब्बास मुनि है, जिसकी आयु 51 साल है। मुनि ऑरेंज एडवरटाइजिंग कंपनी चलाता है जिसका ऑफिस मुंबई के खार इलाके में है। सूत्रों के मुताबिक मुनि पर आरोप है कि उसने फेयरप्ले के लिए काम करने वाले “जो पॉल” को बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त और जैकलीन फर्नांडीस का वीडियो दिया। महाराष्ट्र साइबर के SP संजय शिंत्रे ने बताया की उन वीडियोस में कलाकारों ने फेयरप्ले को प्रमोट किया था, जिसे बाद में फेयरप्ले ने अपने प्रमोशन के लिए अलग-अलग प्लैटफॉर्म पर इस्तेमाल किया। आरोपी मुनि ने ये वीडियो एक पेनड्राइव में डालकर इस मामले में वांटेड आरोपी “जो पॉल” को दिया था। सूत्रों ने यह भी बताया कि फेयरप्ले के लिए प्रमोशन वीडियो बनाने के लिए संजय दत्त को 25 लाख रुपये मिले थे, जैकलीन फर्नांडीस को 2 करोड़ रुपये और रैपर बादशाह को 6.5 करोड़ रुपये मिले थे।
फिल्मी सितारों पर का लिया जा रहा बयान
महाराष्ट्र साइबर सेल उन तमाम लोगों से पूछताछ करने की तैयारी में है, जिन लोगों कने आईपीएल 2023 के दौरान फेयरप्ले का प्रमोशन किया था। सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने अब तक संजय दत्त के मैनेजर, जैकलीन फर्नांडीस के मैनेजर और रैपर बादशाह का बयान दर्ज किया है। सूत्रों ने यह भी बताया की पुलिस ने बॉलिवुड अभिनेत्री तमन्ना भाटिया, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर सुहाना खान और अमायरा दस्तूर को पूछताछ के लिए समन किया गया है। पुलिस को इस मामले की जांच के दौरान पता चला कि फेयरप्ले ने अलग-अलग कंपनी के अकाउंट से कलाकारों को पैसे दिए। संजय दत्त को प्ले वेंचर नाम की कंपनी के एकाउंट से पैसे मिले जो की कुराकाओ देश की कंपनी है। वहीं बादशाह को लाइकोस ग्रुप एफजेडएफ कंपनी के अकाउंट से पैसे मिले, जो कि दुबई की कंपनी है। वहीं जैकलीन फर्नांडीस को ट्रिम जनरल ट्रेडिंग एलएलसी नाम की कंपनी के अकाउंट से पैसे मिले, यह कंपनी दुबई की है।
पाकिस्तान से भी फेजे जा रहे पैसे
महाराष्ट्र साइबर ने इसी FIR में फेयरप्ले के अलावा पिकाशो नाम के एप्लिकेशन को भी आरोपी बताया है। जब इस एप्लिकेशन की जानकारी इकट्ठा की गई तो पता चला कि इस एप्लिकेशन को गूगल एडसेंस से जो पैसे आ रहे हैं वो पैसे पाकिस्तान जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया की गूगल से मिली जानकारी के मुताबिक पिकाशो नाम के एप्लिकेशन पर सारी नई फिल्म और वेबसीरीज की पाइरेटेड कॉपी देखने को मिलती है। इस एप्लिकेशन पर जो गूगल के माध्यम से एडवरटाइज आते हैं वो रसीद और जूनैद नाम के बैंक अकाउंट में जाते हैं। यह अकाउंट पाकिस्तान के “रहीम यार खान” नाम के शहर में स्थित बैंक में है। पुलिस की जांच के मुताबिक उस एप्लिकेशन पर जितना ट्रैफिक आता है, उसे देखते हुए अगर अनुमान लगाया जाए तो आरोपियों के पाकिस्तान स्थित बैंक अकाउंट में 5-6 करोड़ रुपये प्रति महीने जाते हैं। साइबर पुलिस इन सारे एप्लिकेशन उनके द्वारा गैरकानूनी तरीके से पैसे कमाने और उसके इस्तेमाल किए जाने की जांच कर रही है।