Thursday, January 09, 2025
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Maharashtra Crisis: '50-50 करोड़ रुपए में बिके हैं शिंदे गुट के बागी विधायक', जानिए शिवसेना ने और क्या लगाए आरोप?

Maharashtra Crisis: शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी के इशारे पर ही एकनाथ शिंदे गुट अलग हुआ और राजनीतिक उथल पुथल मची है।

Written by: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated : June 27, 2022 13:47 IST
Eknath Shinde Group
Image Source : FILE PHOTO Eknath Shinde Group

Maharashtra Crisis : महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच केंद्र सरकार ने बागी विधायकों को विशेष सुरक्षा प्रदान की है। इस सुरक्षा को लेकर शिवसेना ने बीजेपी पर सवाल उठाए हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने शिवसेना के बागी विधायकों को 'वाई प्लस' कैटेगरी की सुरक्षा दी है। इसके बाद शिवसेना ने कहा है कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र के सियासी संकट में बीजेपी का हाथ है। बीजेपी के इशारे पर ही एकनाथ शिंदे गुट अलग हुआ और राजनीतिक उथल पुथल मची है। यह तमाशा बीजेपी का किया धराया है। 

'करोड़ों में बिके हैं बागी विधायक'

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में शिंदे कैंप के बागी विधायकों पर यह आरोप लगाया गया है कि वे 50-50 करोड़ रुपए में बिक गए हैं। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि जिन विधायकों को सुरक्षा मिली है। उनमें रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवाने, प्रकाश सुर्वे और 10 अन्य विधायक शामिल हैं। 

'आखिरकार बेनकाब हो गई है बीजेपी': शिवसेना का आरोप

अधिकारियों ने कहा था कि महाराष्ट्र में रह रहे उनके परिवारों को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी। शिवसेना ने लेख में आरोप लगाते हुए कहा कि 'भाजपा आखिरकार बेनकाब हो गई। वे कह रहे हैं कि शिवसेना में विद्रोह आंतरिक मामला है।' साथ ही यह भी दावा किया गया कि 'वडोदरा में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़णवीस की गुप्त बैठक हुई थी। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।' शिवसेना की ओर से लेख में कहा गया कि केंद्र ने बैठक के तत्काल बाद बागी विधायकों को 'वाई प्लस' सुरक्षा प्रदान कर दी, जैसे कि वे 'लोकतंत्र के रक्षक' हों।

बता दें कि महाराष्ट्र में सियासी संकट बढ़ गया है। शिंदे गुट बागी होकर गुवाहाटी होटल में जमा हुआ है। वहीं उद्धव सरकार से एक एक करके कई विधायक इस संकट के बीच लगभग रोज सूरत के रास्ते गुवाहाटी पहुंचे हैं। इन विधायकों को डिप्टी स्पीकर की ओर से नोटिस जारी किया गया था, जिसका जवाब आज सोमवार शाम 5 बजे तक मांगा गया है। इसी बीच शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 

संकट के बीच लगातार नए फैसले ले रहे ठाकरे

वहीं सीएम ठाकरे संकट के बीच लगातार नए फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कई मंत्रियों के विभाग बदल दिए हैं। जनहित से जुड़े काम बिना किसी रुकावट के चलते रहें, इसलिए 5 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्रियों के विभाग अन्य मंत्रियों को सौंपे गए हैं। एकनाथ शिंदे का शहरी विकास मंत्रालय सुभाष देसाई को सौंपा गया। गुलाबराव पाटिल का विभाग अनिल परब को दिया गया है। वहीं दादाजी भूसे और संदिपान भुमरे का विभाग शंकरराव गडाख को, उदय सामंत का विभाग आदित्य ठाकरे को दिया गया है। 

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