मुंबई: महाराष्ट्र में सोमवार को कोविड-19 के 4,869 नए मरीज सामने आए जबकि 90 मरीजों की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, नए मामलों के बाद प्रदेश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 63,15,063 हो गई जबकि महामारी से जान गंवाने वालों का आंकड़ा बढ़कर 1,33,038 हो गया।
विभाग के मुताबिक प्रदेश में अब तक 61,03,325 मरीज संक्रमण से उबर चुके है जबकि फिलहाल 75,303 मरीज उपचाराधीन हैं। राज्य में स्वस्थ होने की दर 96.65 प्रतिशत और मृत्युदर 2.1 प्रतिशत है। विभाग ने एक बयान में कहा कि मुंबई में संक्रमण के 259 नए मामले सामने आए जबकि नौ और मरीजों की मौत हो गई।
बयान में बताया गया कि यहां नए मामलों के बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 7,35,366 हो गई जबकि महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 15,908 हो गई। मुंबई मंडल में आज 730 नये मामले सामने आए जबकि 15 मरीजों की जान चली गई।
नासिक मंडल में संक्रमण के 829 नए मामले सामने आए जिनमें 739 के हैं। पुणे मंडल में 1,574 मरीज मिले तो कोल्हापुर मंडल में संक्रमण के 1,399 नए मरीज मिले। प्रदेश में आज 1,67,117 नमूनों की कोविड-19 जांच की गयी।
महाराष्ट्र के 25 जिलों में दुकानों के समय में ढील, मॉल संचालन की भी अनुमति
महाराष्ट्र सरकार ने कम संक्रमण दर वाले 25 जिलों में कोरोना वायरस से जुड़ी पाबंदियों में और ढील दी तथा दुकानों के खुलने के समय को बढ़ा दिया। इन जिलों में शॉपिंग मॉल के संचालन की भी अनुमति दी गई है। इसने कहा कि सभी सरकारी एवं निजी कार्यालय भी पूरी क्षमता के साथ काम करेंगे। सरकार के आदेश में कहा गया है कि मंगलवार की सुबह से ये छूट प्रभावी होंगे। राज्य सरकार ने मुंबई के उपनगरीय ट्रेनों में आम आदमी की यात्रा को अनुमति देने पर अभी कोई निर्णय नहीं किया है। आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानें अब शाम चार बजे के बजाए रात आठ बजे तक और शनिवार को शाम तीन बज तक खुल सकेंगी। आदेश में कहा गया है कि गैर जरूरी सामानों की दुकानें रविवार को बंद रहेंगी।
महाराष्ट्र सरकार ने नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, शॉपिंग मॉल को खोलने एवं संचालित करने की अनुमति दे दी है। इसके मुताबिक योग केंद्र, स्पा, सैलून और जिम 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित हो सकते हैं, लेकिन उनमें एयरकंडीशन नहीं चलेंगे। रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक इन 25 जिलों में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं होगा। राज्य सरकार ने मुंबई और ठाणे जिलों में आपदा प्रबंधन अधिकारियों से कहा है कि वे पाबंदियों पर खुद से निर्णय करें। राज्य के कई व्यवसायी और विपक्षी भाजपा मांग कर रही है कि दुकानों के खुलने का समय शाम चार बजे से बढ़ाकर रात आठ बजे तक किया जाए। शेष 11 जिलों में (36 जिलों में से) जहां कोरोना वायरस के मामले ज्यादा हैं, वहां वर्तमान पाबंदियों के तहत ही दुकानों एवं रेस्तरां का संचालन होगा।
वर्तमान नियमों के तहत इन जिलों में सप्ताह के दिनों में दुकानों एंव रेस्तरां का संचालन शाम चार बजे तक होता है। ये जिले हैं कोल्हापुर, सांगली, सतारा, पुणे, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, सोलापुर, अहमदनगर, बीड, रायगढ़ और पालघर। इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिन जिलों में कोविड-19 संक्रमण दर कम है वहां पर दुकानों को रात आठ बजे तक खोलने के लिए उनकी सरकार सोमवार को आदेश जारी करेगी। उन्होंने कहा कि ‘‘पहले चरण में’’ मुंबई के लोकल ट्रेनों में समाज के हर तबके को यात्रा की अनुमति देना कठिन होगा क्योंकि पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दी जा रही है। ठाकरे सांगली में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने उन इलाकों के लोगों से सहयोग की अपील की जहां अधिक मामलों के कारण पाबंदियों में ढील संभव नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक ढील दिए जाने का संबंध है तो राज्य सरकार आज आदेश जारी कर रही है कि (जहां संक्रमण दर कम है) दुकानें आठ बजे रात तक खोलने की अनुमति दी जाए। बहरहाल, जहां संक्रमण के मामलों में अब भी कमी नहीं आ रही है वहां पाबंदियां वैसे ही जारी रहेंगी।’’ ठाकरे ने बताया कि 11 जिलों में कोविड-19 की स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जिलाधिकारियों से कहा है कि जांच की संख्या बढ़ाई जाए, साथ ही चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ाई जाए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों की कोविड-19 एवं जलजनित बीमारियों से रक्षा हो सके।’’
चिकित्सा ऑक्सीजन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक आकलन के मुताबिक संभावित तीसरी लहर के दौरान एलएमओ की संख्या दूसरी लहर की तुलना में दोगुनी कर दी जाएगी। समाज के सभी तबके को लोकल ट्रेनों से यात्रा की अनुमति देने के बारे में उन्होंने कहा कि ‘‘पहले चरण में’’ इस पर निर्णय करना कठिन होगा क्योंकि ‘‘हम धीरे-धीरे पाबंदियों में ढील दे रहे हैं और इसके प्रभाव एवं दुष्प्रभावों का विश्लेषण कर आगे बढ़ रहे हैं।’’ उन्होंने निजी सेक्टर से अपील की कि कार्यालय के समय को अलग-अलग करें ताकि एक वक्त पर उनके परिसर में उपस्थित लोगों की संख्या कम रहे। साथ ही लोग बारी-बारी से ‘वर्क फ्रॉम होम’ एवं ‘वर्क इन ऑफिस’ का विकल्प चुन सकें।