महाराष्ट्र के यवतमाल में एक महिला की वजह से 23 लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए। दरअसल यहां खाना बनाने वाली एक महिला कोरोना पॉजिटिव थी। जिस हैंडपंप का वो इस्तेमाल करती थी, उसी हैंडपंप पर कई और लोग भी आते थे। अब यहां पानी लेने के लिए आनेवालों को इस बात का पता नहीं था कि महिला कोरोना की मरीज है। ऐसे में ये लोग भी उसी हैंडपंप का इस्तेमाल करते रहे और अब पता चला है कि इस हैंडपंप की वजह से 23 लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं।
इसी तरह यवतमाल में ही पान की दुकान चलाने वाले शख्स से 7 लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए। लॉकडाउन की वजह से पान बेचने वाले की दुकान तो बंद थी लेकिन लोग उससे गुटखा मंगवाते थे। गुटखा खाने के इस शौक से लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ गए।
महाराष्ट्र में 83 फीसदी मरीजों में बीमारी के लक्षण नहीं, 20 फीसदी स्वस्थ हुए
महाराष्ट्र में कोविड-19 के करीब 83 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं हैं और इनमें से 20 फीसदी स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। टोपे ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि राज्य में इस महामारी से मृतकों की दर कम होकर 3.5 फीसदी पर आ गई है जबकि संक्रमण के मामले दोगुने होने की औसत दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। उन्होंने जालना में संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र के 36 में से 14 जिले रेड जोन में हैं, 16 ओरेंज और छह जिले ग्रीन जोन में हैं।
टोपे ने कहा कि मुंबई में एक 2,000 बिस्तरों का अस्पताल तैयार किया गया है, जहां घनी आबादी क्षेत्र में रहने वाले ऐसे बुजुर्ग नागरिकों को स्क्रीनिंग के बाद पृथक-वास में रखा जा सकेगा जोकि अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्यभर में 733 निषिद्ध क्षेत्र हैं। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 10,000 के पार पहुंच चुके हैं। (इनपुट-भाषा)