मुंबई: शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक खत्म हो गई है। इस कार्यकारिणी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना का "प्रमुख नेता" बनाया गया है। मंगलवार शाम मुंबई में शिवसेना की पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया गया है। शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता और पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘तीर-कमान’ मिलने के बाद यह पार्टी की पहली मीटिंग है। राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बैठक में पारित प्रस्तावों की घोषणा की। उदय सामंत ने घोषणा करते हुए बताया कि पार्टी की बैठक में वीर सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव भी पास किया गया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई बैठक
इसके अलावा इस बैठक में मराठी भाषा को अभिजात भाषा को दर्जा दिलाने की मांग भी शामिल है। वहीं आगे उन्होंने कहा कि उनके पार्टी ने प्रस्ताव रखा है कि स्थानीय भूमिपुत्रों को नौकरी में 80 फीसदी स्थान दिया जाए। इसके अलावा चर्चगेट रेल स्टेशन को चिंतामन राव देशमुख का नाम दिया जाने का प्रस्ताव भी किया गया है। राज्य के उद्योग मंत्री सामंत ने कहा, बैठक की अध्यक्षता शिवसेना के प्रमुख नेता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की। मंत्री ने आगे कहा कि शिवसेना पार्टी के निर्णय पर अभिंदन प्रस्ताव पास किया गया है। राज्य के उद्योग मंत्री ने बताया कि पार्टी ने मराठी छात्रों के लिए MPSC और UPSC परीक्षा के लिए ट्रेनिंग कोचिंग में मदद दी जाएगी।
वीर सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव
इसके अलावा शिवसेना ने अपनी बैठक में वीर सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव भी पास किया गया है। साथ ही महाराष्ट्र में महापुरुषों की लिस्ट में जीजा माता, संभाजी राजे, अहिल्याबाई होलकर का नाम शामिल करने का प्रस्ताव पास किया है। वहीं, शिवाजी महाराज के किल्लो को संवर्धन और राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दिलाने का भी प्रस्ताव है। राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि पार्टी के खिलाफ काम करने वाले लोगों पर कार्रवाई करने के लिए 3 सदस्यीय समिति गठित होगी और इसके अध्यक्ष दादा भूसे होंगे। इस अनुशासनात्मक समिति में दादा भूसे, शभूराजे देशाई, संजय मोरे होंगे।
संजय राउत के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास
इसके अलावा शिवसेना की बैठक में संजय राउत के चुनाव आयोग के स्टेटमेंट के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पास किया गया है। बता दें कि निर्वाचन आयोग ने पिछले हफ्ते ही शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी है और उसे पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘तीर-कमान’ आवंटित किया है। शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट पार्टी के नियंत्रण को लेकर कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं।
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