मुंबई: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की कैबिनेट ने मराठा आरक्षण ड्राफ्ट बिल को मंजूरी दे दी है। अब इसे महाराष्ट्र विधानसभा में पेश किया जाएगा। महाराष्ट्र विधानसभा का आज एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। इसमें मराठा आरक्षण ड्राफ्ट बिल पर चर्चा होगी। मराठा आरक्षण बिल में शिक्षा और सरकार नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
एकनाथ शिंदे की महायुति सरकार ने मंगलवार को 10 प्रतिशत मराठा कोटा के जिस विधेयक को मंजूरी दी है, वह तत्कालीन देवेंद्र फड़नवीस सरकार द्वारा पेश किए गए सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 के समान है। एक दशक में यह तीसरी बार है जब राज्य ने मराठा कोटा के लिए कानून पेश किया है।
मराठा आरक्षण ड्राफ्ट बिल की खास बातें
- मराठा समाज की सरकारी नौकरियां और शिक्षा में भागीदारी कम है इसलिए पर्याप्त भागीदारी देने की जरूरत है।
- सर्वे रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सामाजिक , शैक्षणिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़ा घोषित किया गया है
- सर्वे रिपोर्ट के अध्ययन से ये भी पता चलता है कि सामाजिक शैक्षणिक औऱ आर्थिक दृष्टि से इनकी पहचान न्यूनतम है
- मराठा समाज की आबादी राज्य की कुल जनसंख्या की 28 फीसदी है।
- कुल 52 फीसदी आरक्षण में कई बड़ी जातियां और वर्ग पहले से शामिल हैं। ऐसे में 28 फीसदी जनसंख्या वाले समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग में रखना असमानता होगी। इसलिए इस समाज को अलग से आरक्षण देने की ज़रूरत है।