Monday, November 25, 2024
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दिनभर कुएं में मजदूरी... रातभर पैरों में बंध जाती थीं बेड़ियां, पढ़ें बंधुआ मजदूरी की दर्दनाक कहानी

महाराष्ट्र के एक जिले से बंधुआ मजदूरी की वारदात सामने आई है। क्रूरता का आलम इतना कि पैरों के सड़ने के बावजूद भी मजदूरों को न तो छुट्टी न ही इलाज कराया गया। वहीं मजदूर भाग न जाए इसलिए इन सभी को जंजीरों से बांधकर रखा जाता था।

Reported By : Namrata Dubey Edited By : Shailendra Tiwari Updated on: June 22, 2023 16:54 IST
osmanabad, maharashtra- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV उस्मानाबाद में करवाई जा रही थी बंधुआ मजदूरी

महाराष्ट्र के उस्मानाबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आपकी रूह कांप जाएगी। दरअसल उस्मानाबाद में कुछ लोग मजदूरों को बंधक बनाकर मजदूरी करवा रहे थे। आलम यह था कि इनसे 14 से 12 घंटें पानी में काम लिया जाता था, जिसकी वजह से इनके पैर सड़ गए। लेकिन आरोपियों को जरा भी इन मजदूरों पर तरस नहीं आया वो इन मजदूरों से इस हालत में भी काम करवा रहे थे। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, कुल 11 लोगों को बंधक बनाकर रखा गया था। ये सारे लोग अलग-अलग जिलों से आते हैं। ये सभी अलग-अलग कारणों से महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में आए थे। कोई मां-बाप से झगड़कर आया था तो कोई कमाने के लिए आया था। लेकिन इन्हें काम का झांसा देकर एक एजेंट ने महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में भेजा दिया। उस्मानाबाद में आने के बाद इन्हें एक ढाबे पर शराब पिलाई गई। फिर इन्हें कुंए में काम करने के लिए उस्मानाबाद तहसील के वाखरवाड़ी गांव ले जाया गया।

रात में जंजीर से बांध दिए जाते थे

जानकारी के मुताबिक, मजदूरों को सुबह 7:00 बजे से लेकर रात में 7:00 बजे तक कुएं के काम कराया जाता। फिर रात में इन्हें कुछ थोड़ा बहुत खाने को दिया जाता। यह मजदूर भागकर न जाए इसलिए इन्हें जंजीर से बांध दिया जाता। 14 घंटे पानी में ही काम करने की वजह से मजदूरों के पैर सड़ गए हैं। पैर सड़ने के बाद भी मजदूरों पर होने वाला जुल्म खत्म नहीं हुआ। यहां लगभग 11 मजदूर थे, जिसमें से 6 मजदूर अलग किए गए और 5 मजदूरों को अलग काम पर ले जाया गया था। इन मजदूरों में से एक मजदूर किसी तरह भागने में कामयाब हो गया और जिसके बाद उसने यह पूरी दास्तां अपने घर वालों को बताई। जिसके बाद उस मजदूर के घर वाले दोकी पुलिस थाने पहुंचे और पुलिस को पूरी वारदात बताई। यह घटना सुनने के बाद पुलिस को भी यकीन नहीं आया लेकिन मजदूरों ने विनती करने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो पुलिस के पैरों के तले की जमीन घिसक गई। पुलिस ने इन मजदूरों को उस हैवान से छुड़ा लिया। और इस मामले में 4 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कांट्रेक्टर कृष्णा बाळू शिंदे, संतोष शिवाजी जाधव और दो लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।

मजदूर ने बताई आपबीती

मजदूरों में से एक अमोल निंबालकर ने बताया कि वो वाशिम जिले के सेलू बाजार से आया है। वो घरवालों के साथ विवाद होने पर अहमदनगर आया था। मजदूर ने आगे बताया कि वह आने के बाद रेलवे स्टेशन पर बैठा था। वहां उसे दो हिंगोली की युवक दिखे, फिर वो उनसे बात करने बैठा ही था कि थोड़ी देर बाद वहां एक एजेंट आया। एजेंट ने हमसे पूछा काम करोगे क्या? जिसके बाद हमने कहा, हां करेंगे। मजदूर ने आगे कहा कि हमें उसने एक ऑटो में बिठाया और शराब पीने की व्यवस्था की। हमें शराब पिलाकर उसने ऑटो में घुमाया और एक ढाबे के पास जंगल में लाकर छोड़ दिया। जिसके बाद कांट्रेक्टर की गाड़ियां हमें लेकर आईं और गाड़ियों पर बिठाकर हम 6 लोगों को अलग-अलग किया और फिर रात होने के बाद हमें जंजीर से बांधा गया। maharashtra

Image Source : INDIA TV
रातभर जंजीरों से बांध कर रखा जाता था
हमने उनसे पूछा कि हमें जंजीर से क्यों बांध रहे हो। जिसके बाद उसने हमें मारना-पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने हमारे जेब से मोबाइल और पैसे निकाल दिए। फिर सुबह 6 बजे हमें उठाया और फिर कुएं में काम के लिए उतार दिया और 10:00 बजे कुछ खाने को दिया। फिर तुरंत कुएं में उतारा और रात में 10:00 बजे तक हमसे काम कराया। मजदूर ने बताया कि अगर काम में कुछ गलती हो जाती तो उन्हें पीटा जाता। पैर में काफी छाले आने पर भी उसने हमें छुट्टी नहीं दी।

पुलिस को भी नहीं हुआ भरोसाmaharashtra
Image Source : INDIA TV
मजदूर

पुलिस इंस्पेक्टर जगदीश राउत ने बताया कि सुबह हमें यह खबर मिली थी कि कुछ लोगों को जंजीरों से बांधकर रखा गया है और उनसे जबरदस्ती काम लिया जा रहा है। पहले हमें भरोसा नहीं आया लेकिन फिर हमने एसपी अतुल कुलकर्णी को इस बात की जानकारी दी। फिर उनके मार्गदर्शन में हमने एक टीम बनवाई। जिसके बाद हमने उस जगह पर जाकर देखा तो वहां पर सच में कुछ लोगों को जंजीर से बांधकर बंधक बनाया गया था। साथ ही कुछ लोग कुएं में काम करते हुए दिखे।  जगदीश राउत ने आगे कहा कि हमने हमने उन मजदूरों से पूछताछ की और मजदूरों ने हमें बताया कि इसी तरह और एक जगह पर 6 मजदूरों को बंधक बनाकर रखा है। जिसके बाद हमारी टीम ने उस जगह पर जाकर देखा तो वहां पर भी 6 मजदूरों से खुले में काम कराया जा रहा था। इसके बाद हमने सभी 11 मजदूरों को छुड़ाया। 

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